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बीकानेर,दिल्ली में मल्ल्किार्जुन खरगे के कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालते ही कांग्रेस के सभी सीडब्ल्यूसी सदस्यों, महासचिवों, प्रभारियों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं जिसके बाद खरगे अब नए सिरे से अपनी टीम का ऐलान करेंगे.इस्तीफा देने वालों में राजस्थानके प्रभारी महासचिव अजय माकन, सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह शामिल है जिन्होंने नए कांग्रेस अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है. बताया जा रहा है गुजरात चुनावों के बाद कांग्रेस संगठन में नई नियुक्तियां की जाएंगी. वहीं इधर माकन के राजस्थान प्रभारी पद से इस्तीफे के बाद सियासी गलियारों में नए प्रभारी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.

बताया जा रहा है कि कांग्रेसी खेमे में राजस्थान के प्रभारी को लेकर ज्यादा उत्सुकता है. बीते दिनों माकन पर पायलट खेमे की ओर से बैटिंग करने के आरोप लगे थे इसके बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष अब किसी न्यूट्रल नेता को राजस्थान प्रभारी बनाकर भेज सकते हैं. अभी कुमारी शैलजा, अंबिका सोनी, संजय निरुपम और दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम चर्चा में चल रहा है. वहीं नए प्रभारी के सामने गहलोत-पायलट के बीच तालेमल बनाकर चलना एक बड़ी चुनौती होगी.

मालूम हो कि शैलजा पहले भी राजस्थान में चुनावों के समय जिम्मेदारी संभाल चुकी है और अंबिका सोनी भी पहले प्रभारी रह चुकी हैं जिन्हें गहलोत का नजदीकी माना जाता है. वहीं निरुपम भी संगठन चुनावों में रिटर्निंग ऑफिसर रहे थे और दीपेंद्र हुड्डा सबसे युवा चेहरा है जो प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं.2020 में पायलट की बगावत पर आए थे माकन

अजय माकन को अगस्त 2020 में अविनाश पांडे की जगह राजस्थान का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया था जहां पांडे को सचिन पायलट खेमे की शिकायतों के बाद आलाकमान ने हटाया था. उस दौरान पांडे पर गहलोत गुट का पक्ष लेने के आरोप लगे थे इसके बाद पायलट गुट के साथ सुलह के हफ्ते भर बाद अविनाश पांडे को प्रभारी पद से हटाकर अजय माकन को भेजा गया था. अब अजय माकन के साथ सभी प्रभारियों ने इस्तीफा दिया है. माना जा रहा है कि माकन को राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.

पायलट के लिए बैटिंग करने के आरोप

मालूम हो कि बीते 25 सितंबर को हुए सियासी बवाल के बाद अजय माकन पर गहलोत खेमे ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए विधायकों की मान-मनुहार करने के आरोप लगाए थे. इसके बाद ही गहलोत गुट के विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया था.वहीं मंत्री शांति धारीवाल के घर हुई गहलोत गुट के विधायकों की बैठक हुई जिसमें माकन पर पक्षपात करने के आरोप लगे थे. खुद धारीवाल ने कहा था कि माकन ने विधायकों को पायलट का नाम सीएम के लिए लेने के लिए मनाया है. वहीं इस घटनाक्रम के बाद मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करना अनुशासनहीनता मानते हुए सोनिया गांधी को पूरे मामले पर एक रिपोर्ट दी थी.

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