बीकानेर। प्रदेश में बदमाशों के नाकाबंदी को तोड़कर भागने एवं पुलिस पार्टी पर हमला करने की बढ़ती घटनाओं ने पुलिस को झकझोर रखा है। नाकाबंदी के कारण हाल ही के सालों में दो-तीन पुलिस जवानों को जान से हाथ धोना पड़ा वहीं कई घायल हुए। अब पुलिस मुख्यालय नाकाबंदी को सुदृढ़ कर रहा है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को नाकाबंदी को सख्त व पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त के साथ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश में नाकाबंदी की श्रेणी को लेकर सुरक्षा व पुलिस जाब्ते के बंदोबश्त करने की हिदायत दी है।
इसलिए पड़ी जरूरत
अब तक पुलिस अधिकारी हार्डकोर अपराधी के भागने की सूचना पर आनन-फानन में उच्चाधिकारियों के आदेश में बैरिकेट्स लगाते और मौजदा संसाधनों व जवानों के साथ नाकाबंदी कर देते है। इस तरह कमजोर नाकाबंदी से बदमाश भाग जाते हैं। कई बार पुलिस पार्टी पर फायरिंग भी हो चुकी हैं, जिसमें कई पुलिस जवान व अधिकारी घायल हो चुके हैं तो कुछेक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इसके मद्देनजर पुलिस महानिदेशक ने स्पष्ट कहा कि किसी भी सूरत में एक भी जवान की जान नहीं जानी चाहिए। नाकाबंदी इतनी सुदृढ़ हो कि बदमाश पुलिस से बच नहीं सकें।
यह अपनाएंगे सुरक्षा उपकरण
हथियार, बुलट प्रूफ जैकेट, स्थायी, अस्थायी चेक पोस्ट, पिकेट्स बनाकर, बैरिकेट्स, ड्रोन, वीडियो बॉडीवोर्न कैमर, सीसीटीवी का उपयोग करेंगे। वाहन, मोबाइल, पीसीआर वैन, चेतक, रिफ्लेक्टर जैकेट, ड्रेगन लाइट, टायर ब्रेकर आदिका उपयोग जरूरत के हिसाब से करेंगे।
नाकाबंदी के दो प्रकार
सुनियोजित नाकाबंदी :- यह पहले से निर्धारित होती है, जिसमें नाकाबंदी किए जाने वाले वाहन व व्यक्ति के बारे में पूर्व सूचना होती है।
अविचारित नाकाबंदी :- अचानक की जाने वाली नाकाबंदी। इस नाकाबंदी में विशेष ध्यान रखा जाए कि कम से कम ४० प्रतिशत स्टाफ थाना/पुलिस चौकी में मौजूद रहें।
नाकाबंदी की श्रेणियां
अंतरराज्जीय नाकाबंदी :- राज्यस्तरीय नाकाबंदी ए श्रेणी की होती है जो स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, वीआईपीपी आगमन, राष्ट्रीय व राजकीय आपदा, हार्डकोर अपराधी एवं पुलिस मुख्यालय के आदेश की पालना में राज्य में एक समान की जाती है। इस तरह की नाकाबंदी का पर्यवेक्षण अधिकारी संबंधित पुलिस महानिरीक्षक, चेकिंग अधिकारी पुलिस अधीक्षक एवं थानाधिकारी, आठ हैडकांस्टेबल व कांस्टेबल बुलेट प्रुफ जैकेट, हेमलेट व हथियार एवं वाहन के साथ करेंगे।
अंतर जिला नाकाबंदी :- यह बी श्रेणी की नाकाबंदी रेंज महानिरीक्षकों/पुलिस आयुक्त द्वारा अधीनस्थ जिलों व पड़ोसी जिलों में अपराधियों की धरपकड़, कानून व्यवस्था, वीआईपी आगमन, चुनाव जैसे समय में की जाती है।
जिला अंतर्गत नाकाबंदी :- यह सी श्रेणी की नाकाबंदी होती है जो पुलिस अधीक्षक व पुलिस आयुक्त की ओर से अपराधियों की धरपकड़ व कानून व्यवस्था के तहत जिले की परिस्थितियों के अनुसार कराई जाती है। बी व सी श्रेणी की नाकाबंदी का पर्यवेक्षण जिला पुलिस अधीक्षक/पुलिस आयुक्त, चेकिंग अधिकारी पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपायुक्त, थानाधिकारी पांच हैडकांस्टेबल व कांस्टेबल के साथ हथियार व वाहन के साथ करेंगे।
अब इस तरह करनी होगी नाकाबंदी
स्टॉप पार्टी :- वाहनों को रोकने के लिए इशार करेंगी, बैरिकेट्स लगाएगी। इसमें दो चुस्त-दुरुस्त जवान होंगे।
सर्च पार्टी में चार जवान छोटे हथियारों के साथ सड़क के दोनों और तैनात रहें।
फायरिंग पार्टी :- इस पार्टी में कम से कम चार जवान हो ताकि दो अलग-अलग पार्टियों बनाई जा सके। ताकि जरूरत हो तो दोनों से फायरिंग की जा सके।
रियर गार्ड :- रिजर्व पार्टी में चार जवान हो ताकि बदमाश अगर फायरिंग ज्यादा करें तो जवाबी फायरिंग में मदद करें और पुलिस पार्टी को सपोर्ट करें।
एस्कार्ट पार्टी :- अपराधियों के पकड़े जाने या उनके घायल होने पर थाने या अस्पताल ले जाने के लिए उनके साथ एस्कार्ट करें। जब तक बदमाशों को संबंधित थाना पुलिस को सुपुर्द नहीं करें।
इसके अलावा नाकाबंदी स्थल से कुछ दूरी पर भी दोनों तरफ पुलिस पार्टी तैनात करेंगे ताकि बदमाश नाकाबंदी तोड़कर भागे तो उन्हें पकड़ा जा सके।
कराएंगे पालना
प्रदेश में नाकाबंदी को तोडऩे एवं पुलिस पार्टी पर हमला करने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर नाकाबंदी के प्रारूप को बदलकर और सख्त किया गया है। अब एक नाकाबंदी में चार स्तर की पार्टी तैनात की जाएगी। इस संबंध में रेंज के सभी पुलिस अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है, जिसकी पालना कराई जाएगी।
प्रफुल्ल कुमार, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज