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बीकानेर,महाजन. क्षेत्र की बदहाल सडक़ों से ग्रामीणों का जीवन खतरे में नजर आ रहा है। सडक़ों पर पेचवर्क कार्य भी महज खानापूर्ति बन जाने से सरकार को लाखों का चूना लग रहा है।

महाजन रेलवे फाटक से घेसूरा होते हुए रामबाग जाने वाली सम्पर्क सडक़ का हालांकि घेसूरा तक नवीनीकरण किया गया है लेकिन घेसूरा से रामबाग के बीच करीब 6-7 किमी तक सड़क अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है। इसी प्रकार कस्बे से शेरपुरा, ढाणी छिल्लां, सूंई होते हुए सरदारशहर को जाने वाली महत्वपूर्ण सम्पर्क सडक़ वर्षो से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। सडक़ की चौड़ाई जहां कम है वहीं इसकी जर्जर अवस्था से भी हादसे बढ़ रहे है। शेरपुरा से सूई के बीच भारतमाला सड़क के लिए सामग्री लेकर आने वाले भारी वाहनों ने सड़क की सूरत ही बिगाड़ कर रख दी है। यहां से मनोहरिया तक प्रधानमंत्री सडक़ तो बनी परन्तु बनने के बाद मरम्मत नहीं होने से यह सडक़ टूटने लगी है। लालेरां से रतनीसर तक बनी प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ भी अमानक निर्माण सामग्री के कारण समय से पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इस सडक़ से डामर गायब हो जाने से निकले कंकड़ अब परेशानी पैदा कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि ऊंटों के पांवों में कंकड़ चुभने से परेशानी बढ़ रही है। नया खानीसर व चकजोड़ की पुरानी आबादी को जोडऩे के लिए बनाई गई सडक़ भी देखरेख के अभाव में सुविधा के बजाय दुविधा का कारण बन रही है। ग्रामीण सडक़ों की सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से कोई सुध नहीं लेने से ग्रामीण यात्रियों का जीवन खतरे में ही है। इन सडक़ों पर वाहनों की तादाद तो दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है परन्तु सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के मुताबिक बदहाल सडक़ों की सुध नहीं लेने से इनका लाभ महज कागजी बन रह गया है।

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