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बीकानेर,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगले साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अलग-अलग समाजों को साधने की कवायद तेज कर दी है.इसी कड़ी में रविवार को सीएम ने राज्य में 3 नए बोर्ड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. जानकारी के मुताबिक गहलोत ने राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड, राजस्थान राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड और राजस्थान राज्य रजक (धोबी) कल्याण बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी जारी की है. माना जा रहा है कि सरकार की चुनावों से पहले एससी और ओबीसी वोटर्स पर नजर है. वहीं अब आने वाले दिनों में इन बोर्डों में 3-3 सालों तक के लिए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां भी की जाएंगी.

मालूम हो कि ओबीसी में सैनी समाज काफी समय से आरक्षण देने की मांग कर रहा था. सरकार के मुताबिक राज्य के हर वर्ग के समग्र विकास और आर्थिक उत्थान के लिए बोर्ड को मंजूरी दी गई है. वहीं इसके साथ ही समाज के इन वर्गों में फैला पिछड़ापन भी दूर हो सकेगा.

राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड

सरकार की घोषणा के मुताबिक चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड के जरिए चमड़े (लेदर) के बिजनेस और काम-धन्धों से जुड़े लोगों का आर्थिक विकास किया जाएगा. वहीं उनका जीवन स्तर उठाने के लिए सरकार नियम बनाएगी. वहीं बोर्ड बनने से प्रदेश में चमड़े के बने हैंडीफ्राफ्ट प्रोडक्ट्स और इस काम से जुड़े लोगों को बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही चमड़े से जुड़े कामों में लोगों को नया रोजगार मिल सकेगा.

वहीं बोर्ड की मदद से इस क्षेत्र में नई तकनीक के साथ काम किया जा सकेगा इसके अलावा बोर्ड के जरिए इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की सामाजिक सुरक्षा का ध्यान भी रखा जाएगा. बता दें कि राजस्थान में चमड़े के कारीगर-हैंडिक्राफ्ट्स बनाने वाले बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद सरकारी योजनााओं का फायदा ले सकते हैं.

राजस्थान राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड

ज्योतिबा फुले बोर्ड में सरकार काछी, मुशवाह, माली, सैनी समाज जैसे बागवान समाज के अलग-अलग वर्गों में काम करने वाले लोगों को शामिल करेगी. बोर्ड की मदद से इस तरह के कामों से जुड़े लोगों के इकोनॉमिक डवलपमेंट और आय में बढ़ोतरी के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जाएंगी. वहीं अलग-अलग वर्गों से जुड़े लोगों की कला और संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जाएगा.

राजस्थान राज्य रजक (धोबी) कल्याण बोर्ड

इसके अलावा रजक (धोबी) समाज के विभिन्न वर्गों को साधने के लिए गहलोत सरकार रजक कल्याण बोर्ड बनाने जा रही है जिससे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की एक प्रामाणिक सर्वे रिपोर्ट करवाने के बाद सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की ओर काम किया जाएगा.वहीं प्रदेश में रजक समाज के लिए चलने वाली योजनाओं को अलग-अलग विभागों के जरिए तेजी से जमीन पर उतारा जाएगा. गौरतलब है कि राजस्थान में चुनावों को देखते हुए सरकार हर समाज को अलग-अलग तरीकों से साधना चाहती है. मालूम हो कि बीते दिनों देवनारायण बोर्ड की भी स्थापना सरकार ने की थी.

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