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बीकानेर,साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया साध्वीश्री साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया के सान्निध्य में शनिवार को गंगाशहर रोड पर पार्श्वचन्द्र सूरि दादाबाड़ी के सामने की गली में स्थित प्राचीन, चमत्कारिक श्रीराम रिद्धिसार गणि दादाबाड़ी में दादा गुरुदेव जिनकुशल सूरिश्वरजी की भक्ति संगीत के साथ पूजा की गई। पूजा का लाभ चार्टेट एकाउंटेंट धनराज, महेन्द्र कुमार नाहटा परिवार ने लिया।
पूजा स्थल पर साध्वीश्री मृगावती ने प्रवचन में कहा कि भाग्य व सौभाग्य दोनों का लाभ पुण्योदय से होता है। भाग्य से मिली धन, सम्पति को धार्मिक व जनहित कार्यों में खर्च करना सौभाग्य की बात है। इस चमत्कारिक प्राचीन दादाबाड़ी में दादा गुरुदे के साथ गुरुदेव की पूजा की पूजा पद्धति को भक्ति गीतों के साथ रचने वाले की श्रीराम रिद्धिसार गणि की प्रतिमा है। गणिवर्य की ओर से रचित दादा गुरुदेव की पूजा को 100 वर्षों से हिन्दुस्तान में प्रवास कर रहे दादा गुरुदेव के भक्त चारों गुरुदेवों की पूजा में गाकर अपनी मनोकामना पूर्ण कर रहे है। उन्होंने कहा कि श्रावक-श्राविकाओं का नैतिक व धार्मिक दायित्व है कि वे इस प्राचीन दादाबाड़ी में दृढ़ संकल्प के साथ नित्य पूजा, दर्शन करने करें।
वरिष्ठ गायक मगन कोचर व विचक्षण महिला मंडल ने मूलाबाई दुग्गड़ के नेतृत्व में विभिन्न राग व तर्जों में दोहा, भक्ति गीत गाकर जल, धूप,दीप, अक्षत, फल,फूल,चंदन, नेवेद्य, इत्र, ध्वजा व अर्घ्य पूजा व आरती की । दादा गुरुदेव की प्रतिमा पर विशेष अंगी की गई । साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया ने रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में 18 पाप कर्मों से की विशेष प्रवचनमाला में रविवार को सुबह नौ बजे से सवा दस बजे तक प्रवचन करेंगी।

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