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बीकानेर,राजस्थान की राजनीति में भैरों सिंह शेखावत का अपना एक कालखंड रहा है। वे जमीन से जुड़े धुरंधर राजनेता थे। 1985 _ 86 जब मैंने जयपुर में पत्रकारिता शुरू की तब उनके संपर्क में रहने का थोड़ा मौका मिला। राजस्थान पत्रिका के लिए मैने उनका बीकानेर में साक्षात्कार भी लिया जब वे मुख्यमंत्री नहीं थे। मुझे बिशन सिंह शेखावत पत्रकारिता पुरस्कार भी रविंद्र मंच जयपुर में शेखावत सरकार के कार्यकाल में उनके सान्निध्य में मिला। वे भीनासर गोचर आंदोलन में भी आए। उनके व्यक्तित्व कृतित्व की प्रशंसा करना मेरे बूते में नहीं है। केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। वे मुख्यमंत्री थे और बीकानेर आए। उस समय केंद्र सरकार ने भुजिया नमकीन पर टैक्स लगाया था। बीकानेर के व्यापारी टैक्स हटाने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री शेखावत के यह बात ध्यान में लाई गई। उनमें मुद्दों को प्रस्तुत करने और समाधान की अद्भुत क्षमता थी। शेखावत ने केंद्रीय खाद्य मंत्री को बीकानेर सर्किट हाउस फोन लगाया और नमकीन पर टैक्स के मुद्दे पर व्यापारियों के विरोध से अवगत करवाया। भाजपा नेता ओम आचार्य, न्यास अध्यक्ष अग्रवाल और मैं भी सर्किट हाउस के रूम न. 1 में उनके सामने बैठे थे। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री शेखावत जी को टैक्स हटाने का विचार करने का आश्वासन दिया। इसकी प्रतिक्रिया में शेखावत ने केंद्रीय मंत्री को जो बात कही हम सब हक्के बक्के रह गए ! शेखावत ने कहा बीकानेर सर्किट हाऊस में लोगों ने मुझे घेर रखा है। बाहर नहीं जाने दे रहे हैं। साथ ही टैक्स से भुजिया उद्योग पर होने वाले दुष्प्रभाव बताए। केंद्रीय मंत्री ने टैक्स वापस लेने की सहमति दे दी। शेखावत की इस तरकीब से बीकानेर के परंपरागत भुजिया पापड़े उद्योग को समर्थन मिला। उस समय के बीकानेर के लोग आज भी शेखावत जी को याद करते हैं। शेखावत राजनीति दक्षता को हर कोई उनके संपर्क में आए नेताओं को अहसास था। उन्होंने कई लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाया। वे जब राजनीति पर उतरते तो किसी के सगे नहीं थे। वे सभी पार्टी नेताओं के साथ गहरा अपनापन रखते और सबके काम भी आते। राजपूत नेताओं में देवी सिंह भाटी, राजेंद्र सिंह राठौड़ समेत कई नेताओं ने उनके सान्निध्य में राजनीतिक दावपेंच सीखें है। राठौड़ जानते हैं राजस्थान के लोकतांत्रिक विकास में शेखावत का कितना बड़ा योगदान हैं। भैरों सिंह शेखावत जन्म शताब्दी समारोह वास्तव में राजनीति में आने वाले नए नेताओं को बोध देने का आयोजन है। हालांकि यह विशुद्ध रूप से भारतीय जनता पार्टी का ही आयोजन है और राजनीति करने का मंच है। यहां भाजपा के सभी नेता विश्व नाथ, अर्जुन राम समेत सब एक मंच पर है। वैसे अब तो शेखावत की राजनीति कुशलता पार्टी से ऊपर है सभी राजनीति पार्टियों और राजनीति करने वाले नेताओं को उनकी राजनीति जीवन यात्रा से बोध लेना ही चाहिए। राजस्थान में लोकतंत्र के विकास में शेखावत को कोई भुला नहीं सकता। सुरेंद्र सिंह शेखावत ने भले अपने राजनीतिक पहचान के लिए ही सही भैरों सिंह शेखावत के 99 जयंती पर यह आयोजन करना अपने पुरखों के कृतित्व का सम्मान करने जैसा है। यह आयोजन निश्चय ही वर्तमान राजनीतिक पीढ़ी को दिशा दे पाएगी। कुछ गैर राजनीतिक लोग जो राजनीति में आएं है वे भी सीख सकते हैं।

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