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बीकानेर के व्यंग्यकार व खेल समीक्षक तथा व्यंग्य पुस्तक “परनिंदा सम रस कहुँ नाहिं” के लेखक आत्माराम भाटी के व्यंग्य ” सांडों की सभा” को देश के जाने माने व्यंग्यकार  डॉ लालित्य ललित व प्रो राजेश कुमार के सम्पादन में मुरली मनोहर शर्मा निखिल प्रकाशन आगरा से शीघ्र प्रकाशित होने वाले व्यंग्य संकलन “आंकड़ा 63 का” में देश विदेश के प्रतिष्ठित व्यंग्यकारों के साथ जगह मिली है।
इस व्यंग्य संकलन का विमोचन अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में होने वाले अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में किया जाएगा।
शीघ्र प्रकाशित होने वाला अंतरराष्ट्रीय व्यंग्य संकलन “आँकड़ा 63 का” कई मायनों में ऐतिहासिक और प्रतिनिधि व्यंग्य संग्रह है। इसमें वर्तमान समय के देश-विदेश के 63 प्रतिष्ठित व्यंग्यकारों की रचनाएँ शामिल की गई हैं।
इस संकलन में भारत में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल, तेलंगाना, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, चेन्नई और विदेशों से न्यू ज़ीलैंड, और कनाडा के धुरंधर व्यंग्यकारों को शामिल किया गया है.
सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रो. राजेश कुमार, और डॉ. लालित्य ललित की कुशल जोड़ी इससे पहले भी 21वीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार, 21वीं सदी के 251 श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय व्यंग्यकार संकलन पाठकों के लिए प्रस्तुत कर चुकी है, जिन्हें अत्यधिक सराहना मिली है।
श्री भाटी के व्यंग्य इससे पहले भी देश-विदेश व्यंग्यकारों से सुसज्जित 2020 में प्रकाशित व्यंग्य संकलनों चाटुकार कलवा, अब तक 75, इक्कीसवीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार तथा 2021 में प्रकाशित हम 30 हमारे 30 व इक्कीसवीं सदी के 251 अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकारों में शामिल हो चुके हैं।
इसके अलावा न्यूजीलैंड से प्रकाशित पहली हिंदी वेब पत्रिका “भारत दर्शन रोजाना” के साथ देश की प्रमुख हास्य व्यंग्य पत्रिकाओं व्यंग्य यात्रा, अट्टहास, सृजन कुंज, विकल्प, जागती जोत के साथ समाचार पत्र पंजाब केसरी जालंधर, नवोदय टाइम्स दिल्ली व दैनिक युगपक्ष सहित अन्य कई पत्र-पत्रिकाओं में व्यंग्य प्रकाशित हो रहे हैं और आकाशवाणी बीकानेर से भी व्यंग्य प्रसारित हो चुके हैं।

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