बीकानेर,जिला प्रशासन की ओर से दिवाली के मौके पर गली-मोहल्लों और भीड़भाड़ वाले बाजारों में पटाखा बिक्री पर लगाई गई पाबंदी का विरोध कर रहे बीकानेर के अस्थाई पटाखा विक्रेताओं ने सोमवार को कोटगेट से जुलुस निकाला और कलक्टरी में विरोध प्रदर्शन के बाद जिला कलक्टर को अपना ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर बीकानेर फायरवक्र्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलक्टर को अवगत कराया कि शहर में एक ही जगह पटाखों की दुकान लगने से सभी व्यापारियों को नुकसान होगा और खतरे की संभावना ज्यादा है। आगामी दिनों में दीपावली का त्यौहार है। दिवाली के पिछले दो सीजन में कोरोना आपदा के कारण पटाखों पर लगी पाबंदी के कारण पटाखा विक्रेता आर्थिक पीड़ा भोग चुके है। इस बार दिवाली के सीजन में अच्छे कारोबारी की उम्मीद में पटाखा विक्रेताओं ने अपनी तैयारियां कर ली है। मात्र 6 से 7 दिन का व्यापारियों का कारोबार होता है। लेकिन जिला प्रशासन ने जो निर्णय लिया है वह अस्थाई पटाखा विक्रेताओं के लिये कुठाराघात है। ऐसे में उन्हे पुरानी जगहों पर दुकानें लगाने की अनुमति दी जाये। उन्होंने कहा कि एक जगह इक_ा करके बारूद इक_ा किया जाएगा, तो वहां आग लगने की संभावना ज्यादा है और खतरा बढ़ेगा। प्रतिनिधि मंडल से बातचीत के बाद जिला प्रशासन ने उनकी मांग को मानते हुए शर्त रख दी कि पटाखों के अस्थाई दुकानदारों को पुरानी जगहों पर दुकाने के लिये सुरक्षा के पुख्ता बंदोबश्तों और आगजनी से होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी लेने का शपथ पत्र देना होगा। जिला कलक्टर की इस शर्त पर शिष्टमंडल ने सहमति जता दी। इसके बाद एडीएम सिटी की मौजूदगी में अस्थाई पटाखा विक्रेताओं के लिये शपथ पत्र का प्रारूप भी तैयार किया गया। शिष्टमंडल में सेवादल के प्रदेश उपाध्यक्ष कमल कल्ला,जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डीपी पच्चिसिया,बीकानेर फायर एसोसिएशन के अध्यक्ष लूणकरण सेठिया,सचिव विरेन्द्र किराडू,भंवरलाल व्यास,भानुप्रकाश शर्मा और अस्थाई पटाखा विक्रेता संघ के अध्यक्ष शुभम रंगा भी मौजूद थे।
इधर स्थायी विक्रेताओं ने असुरक्षित जगहो पर कर रखा भंडारण
इस बीच खबर मिली है शहर में स्थाई पटाखा विक्रेताओं ने अपनी दुकानों के आस पास असुरक्षित स्थानों पर अवैध भंडारण कर रखा है। दीपावली को देखते हुए यहां लाखों रुपए के पटाखे जमा किए जा रहे हैं। इस कारण कभी भी हादसा हो सकता है। गंगाशहर इलाके में तो पटाखों के ऐसे गोदाम की सूचना मिली है कि अगर वहां कोई हादसा हो जाए तो फायर ब्रिगेड की गाडियां का पहुंचना नामुमकिन है। हैरानी की बात तो यह है कि प्रशासन ने अस्थाई पटाखा विक्रेताओं को लाईसेंस जारी करने से पहले सुरक्षा के पुख्ता बंदोबश्तों की शर्त रख दी है लेकिन स्थाई पटाखा दुकानदारों के गोदामों व भंडारण व्यवस्था में सुरक्षा की जांच नहीं की जा रही है। जानकारी में रहे कि आगजनी की रोकथाम के पुख्ता बंदोबश्त नहीं होने के कारण कुछ माह पहले उदासर के एक पटाखा गोदाम में आग लगने के कारण भारी तबाही भी हो चुकी है।