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बीकानेर संभागीय मुख्यालय का उप नगरीय क्षेत्र राजनीति के साथ साथ बीकानेर के औद्योगिक विकास, व्यापार, आध्यात्मिक साधना और समाज सेवा में विशेष स्थान रखता है। उपनगरीय क्षेत्र के चार नेताओं ने राजनीति, समाज सेवा और धर्म संघ में अपनी भूमिका से कमोबेश देश में पहचान बनाई है। इनकी पैठ और साख पर उपनगरीय क्षेत्र की भावी विकास की संभावनाएं टिकी है। उपनगरीय क्षेत्र में भावी राजनीति के सितारे मोहन सुराणा ,महावीर रांका भाजपा से रिद्धकरण सेठिया और कोशल दुगड़ कांग्रेस से सक्रिय है अथवा रहे हैं। इनकी अपनी अपनी राजनीतिक छवि और साख है। यह बात दीगर है कि जनहित का इनका अपना विजन भी है। चारों नेता उपनगरीय क्षेत्र गंगाशहर के निवासी और विधानसभा क्षेत्र बीकानेर पूर्व के हैं। चारों ने ही पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी अपनी पार्टी से दावेदारी की थी। इनमें से कोई टिकट लाने में कामयाब नहीं हो सका। मोहन सुराणा भाजपा शहर के महामंत्री भी है। उन पर केंद्रीय मंत्री की लॉबी में होने की छाप लगी है। वे अब तक अर्जुन राम मेघवाल के बूते राजनीति यात्रा करते आएं हैं। बीजेपी में एक गुट के वे हिस्से हैं। वहीं महावीर रांका खुले आम मेघवाल के विरोधी गुट के हैं। वे सार्वजनिक काम में खुलकर धन खर्च करके अपना राजनीतिक कद बढ़ाने में विश्वास करते हैं। मैडम वसुंधरा राजे और देवी सिंह भाटी के गुट में शुमार है। सुराणा रांका दोनों की समाज सेवा और अपने जैन धर्म संघ में पैठ है। कांग्रेस के रिध्द्धकरण सेठिया और कोसल दुग्गड दोनों ही राजनीति, समाज सेवा और जैन धर्म संघ में सक्रिय रहते हैं। सेठिया की राजनीतिक छवि कांग्रेस के मंत्री भंवर सिंह भाटी से जुड़ी है। उनकी राजनीतिक सक्रियता उनके इर्दगिर्द तक ही सिमटी हुई है। उन पर भाटी समर्थको का ठप्पा है। कोसला दुग्गड अपने तरह की राजनीति करते हैं उन पर किसी नेताओं के समर्थक की छाप नहीं है। खेर राजनीतिक स्टेट्स कुछ भी हों उप नगरीय क्षेत्र के ये चारों नेता राजनीति में आगे बढ़ने का माद्दा रखते हैं। इनकी साख और सामर्थ्य राजनीति में आगे बढ़ने का है। बेशर्त राजनीतिक दल, नेता और जनता उनकी राजनीतिक स्किल का सम्मान करें।

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