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अजमेर/बीकानेर। भाजपा से निष्कासित नेताओं की वापसी के लिये बनाई गई कमेटी के संयोजक एवं केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने साफ कर दिया है कि गुण दोष का आंकलन करने के बाद ही निष्कासित नेताओं को पार्टी में शामिल किया जायेगा। रविवार को एक दिवसीय दौरे पर अजमेर पहुंचे केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम ने यह भी साफ कर दिया कि निष्कानित नेताओं की वापसी के लिये जिले के पदाधिकारियों से भी सहमति ली जायेगी। इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश संगठन को सौंपी जायेगी। उन्होने किसी भी नेता का नाम लिये बगैर कहा कि अगर कोई खुद ही भाजपा में शामिल होने की घोषणा करता है तो उसे अनुशासनहिनता माना जायेगा। गुण दोष को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे नेताओं को पार्टी में शामिल नहीं किया जायेगा जो लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे और चुनावों में भीतरघात करते है। उन्होने कहा कि राजस्थान में भाजपा के कई निष्कासित नेता हैं, भाजपा में वापसी चाहते है। इसकी सूची भी लम्बी है। समिति इनके नामों पर मंथन के बाद विस्तृत रिपोर्ट बनाकर प्रदेश संगठन को सौंपेगी। इसमें विधायक व सांसद का चुनाव लडऩे वाले ऐसे वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता और अन्य दल से चुनाव लडक़र वापस आने वाले भी शामिल हैं। समिति की ओर से ऐसे कार्यकर्ताओं को लेकर समीक्षा की जाएगी।

राजस्थान सरकार अस्थिर
राजस्थान के ताजा सियासी हालातों पर पूछे गये सवालों के जवाब में उन्होने कहा कि राजस्थान की सरकार अस्थिर है। सीएम अशोक गहलोत कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं, तो सचिन पायलट कुर्सी पकडऩा चाहते हैं। जब सत्ताधारी दल दो खेमों में बंट जाता है तो विकास और सुशासन गायब हो जाता है। फिलहाल राजस्थान में ऐेसे ही हालात कायम है। उन्होंने कहा कि सुशासन के अभाव में दलितों एवं महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। कुर्सी के फेर में राजस्थान में अस्थिरता हो गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के 92 विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफे थमा दिए, लेकिन स्पीकर की ओर से इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। इस मामले को राज्यपाल के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर की ओर से इस्तीफे स्वीकार नहीं करने के मामले में दिल्ली भी जाएंगे। जरूरत पड़ी तो सडक़ों पर भी उतरेंगे।

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