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बीकानेर,राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खास दो सिपहसलार चर्चा में है। अब इन्हें दो बैलों की जोड़ी कहा जाने लगा है। दोनों सचिन नेता पायलट के दौरे की रूपरेखा इन्हीं के जिम्मे रहती है।पायलट के जहां के दौरे वहां पहले ही पहुंचकर व्यवस्था संभाल लेते हैं। पायलट एक खास सिपहसलार कह चुके हैं। उनके लिए कांग्रेस महत्वपूर्ण नहीं है। सचिन पायलट महत्वपूर्ण है। यह सिपहसलार कांग्रेस आलाकमान के घुड़की के बाद चुप है। लेकिन परदे के पीछे सक्रिय है। हाड़ौती अंचल के दौरे की रूपरेखा और भीड़ जुटाने की काम बड़बोले विधायक ने ही किया था। बता दें पायलट का खास सिपहसलार कभी सीएम अशोक गहलोत के लिए विशाल रक्तदान शिविर लगाकर चर्चा में आया था, लेकिन अब सीएम गहलोत से 72 का आंकड़ा है। पायलट के हाड़ौती दौरे के लेकर इन दिनों राजस्थान की सियासत गरमाई हुई है। पिछले दिनों पायलट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह जिले झालावाड़ के दौरे रहे, तो वहीं मंत्री अशोक चांदना सचिन पायलट के इलाके में दौरे कर रहे हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि नेता इन दिनों अपनी अलग-अलग यात्राओं में निकले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी देव दर्शन यात्रा पर निकली हुई हैं।प्रियंका गांधी के करीबी नेता का शक्ति प्रदर्शन

राजस्थान में इन दिनों चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस-बीजेपी के नेता यात्रा निकाल रहे हैं। इन दिनों प्रियंका गांधी के करीबी नेता कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर द्वारा लंपी रोग से पीड़ित गायों की रक्षा करने के लिए संकट मोचन हनुमान मंदिर से शुरू हुई दो दिवसीय गौ रोग निवारण पद यात्रा चर्चा बनी हुई है। चर्चा है कि धीरज गुर्जर सचिन पायलट जैसा रुतबा दिखाना चाहते हैं। धीरज कांग्रेस आलाकमान के करीबी नेताओं में माने जाते हैं। सियासी सयानों का कहना है कि धीरज गुर्जर गौ वंश के बचाने के लिए निकाली जा रही है यात्रा का मकसद अपना शक्ति प्रदर्शन और खोया हुआ जनाधार हासिल करना है। विधानसभा चुनाव 2018 में किनारे पर धीरज गुर्जर चुनाव हार गए थे। फूल थमाने के लिए तैयार नेताजी

चर्चा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मंत्री हाथ का साथ छोड़कर फूल का दामन थामने के लिए तैयार है। लेकिन वसुंधरा कैंप की नजदीकी ने रोड़े अटका दिए। अब बीजेपी ने घर वापसी के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी घर वापसी की अनुशंसा करेगी। वैसे बीकानेर के बड़े नेता को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की नजदीकी भारी पड़ रही है। पूनिया एंड कंपनी ने रास्ता रोक दिया। पूर्व मंत्री की घर वापसी नहीं हुई। वसुंधरा कैंप के तर्क है तो वापसी नहीं हुई तो बीजेपी को नुकसान तय।वसुंधरा की देवदर्शन यात्रा से विरोधी सतर्क

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इन दिनों देव दर्शन यात्रा पर है। यात्रा को लेकर बीजेपी खींचतान हुई, प्रदेश प्रभारी को बयान देना पड़ा। कोई भी व्यक्ति यात्रा निकाल सकता है। सियासी सयानों का कहना है कि अरुण सिंह को डैमेज कंट्रोल के लिए बयान देना पड़ा। वजह साफ है। वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा से संगठन ने दूरी बना ली। लेकिन वसुंधरा राजे ने बीकानेर में सियासी शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत का अहसास दिल्ली को करा दिया। दिल्ली वालों ने विवाद से बचने के लिए बयान दे दिया कोई भी व्यक्ति यात्रा निकाल सकता है। वैसे वसुंधरा राजे की राजनीति करने के तरीकों के राजस्थान बीजेपी के नेता अच्छी तरह से जानते हैं। सब चुप।

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