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बीकानेर.सीमावर्ती बीकानेर जिले की एक महिला ने मौली के जरिए कई महिलाओं को रोजगार देकर उनके लिए ‘मंगलकारी’ साबित किया है। यही मंगलकारी मौली अब देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुकी है। बीकानेर की मौली देश के विभिन्न राज्यों में पहुंच रही हैं। दिवाली पर बढ़ी डिमांड पूरी करने के लिए महिलाएं घंटों मौली निर्माण में जुटी हैं।

भारतीय संस्कृति में धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ व सभी मांगलिक कार्यों में कलाई पर मौली बांधने की परंपरा प्राचीनकाल से ही चली आ रही है। ऐसे में दीपावली पर्व पर मौली की डिमांड भी काफी रहती है। बीकानेर की एक महिला भी इस उद्योग से जुड़कर आज कई महिलाओ को रोजगार देने का काम कर रही है। यदि घर में सगाई, विवाह या कोई मांगलिक कार्य हो मौली का उपयोग किया जाता है।

देश-प्रदेश में उच्च क्वालिटी की मौली की मांग रहती है।

महिला कृष्णा खत्री के ससुर ने इस कारोबार को छोटे स्तर पर शुरू किया था लेकिन नियमित आपूर्ति के अभाव में कई बार इस कारोबार को बीच-बीच में बंद करना पड़ा। ऐसे में परिवारजनों की जरूरतों एवं कारोबारी संभावनाओं को देखते हुए 2011 में मौली कार्य को बड़े स्तर पर शुरू किया। आज कृष्णा ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर इस कारोबार को बड़े रूप में खड़ा कर लिया है। नियमित मौली उद्योग में करीब दस से बारह घंटे काम करते हैं और देशभर में मौली को भेज कर अपनी अलग पहचान कायम की है। उन्होंने बताया कि मौली में प्रयुक्त होने वाले धागा व कलर बेस्ट क्वालिटी का ही इस्तेमाल करते हैं। धागा पंजाब से मंगवाते हैं। दीपावली पर मौली की सर्वाधिक डिमांड रहती है। ऐसे में काम भी ज्यादा होता है। कृष्णा आज इस उद्योग के माध्यम से न केवल अपना घर अच्छे से चला रही है बल्कि कई महिलाओं को रोजगार देकर उनके जीवन को भी बेहतर बनाने का काम कर रही हैं। मौली के अलावा वे हवन और पूजन सामग्री का भी कारोबार करती हैं।

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