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बीकानेर,दीपोत्सव को महज एक पखवाड़ा बचा है। इसके पूर्व धनतेरस भी है। विशेषकर धनतेरस में तो बर्तन खरीदना शुभ सगुन माना जाता है। यह सगुन ऑनलाइन खरीद पूरी नहीं करता है। इसके लिए खरीदार को दुकान तक जाना पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए बरतन बाजार की दुकानों में बरतन सजने लगे हैं। बर्तनों में तांबा, पीतल, कांसा एवं स्टील की कई नई वेराइटियां भी बाजार में आई हैं। डिनर सेट से लेकर पूजा की थाली तक नई डिजाइन में आई है। दुकानों पर अभी ज्यादा हलचल तो नहीं बढ़ी है, लेकिन दुकानदारों को उम्मीद है कि धनतेरस व इसके बाद आने वाले सावों में बाजार बेहतर रहेगा। बरतनों के बाजार में दुकानों के सजने के साथ ही बाजार का रुझान भी सामने आने लगा है। पहले सस्ता एवं रियायती दरों पर सिल्वर के बर्तन ले जाने वाले ग्राहक अब तांबा, पीतल एवं कांस्य को तरजीह देने लगे हैं। कारण कि कोविड-19 की आई त्रासदी ने सभी को स्वास्थ्य के प्रति सजग कर दिया है। अब कोई सेहत से समझौता नहीं करना चाहता है। ग्राहकों की बदली पसंद के साथ ही दुकानों पर रखे जाने वाले बरतनों की वेराइटीज में भी बदलाव आया है। स्थिति यह हो गई है कि कभी दुकानों पर बिलकुल सामने सजे रहने वाले सिल्वर के बरतन इस बार गायब हैं। अब सिल्वर की जगह तांबा, पीतल एवं कांस्य के बरतनों ने ले ली है। बाजार में आ रहे ग्राहक भी इन्हीं धातु के बने बरतनों की खरीद में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। हालांकि बाजार में मिट्टी, कांच, लोहा, एल्यूमीनियम, हार्ड एल्यूमीनियम, नॉनस्टिक के बरतन भी उपलब्ध हैं, लेकिन इनकी खरीद की स्थिति औसत है। वहीं बर्तन कारोबारी जय किशन पंजाबी ने बताया कि बरतनों की खरीद की स्थिति अभी बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि बाजार में तेजी आएगी। दो साल की कोविड-19 की त्रासदी के बाद पूरी तरह से खुले बाजार को पटरी पर आने में समय लगेगा।

बाजार बेहतर होने की उम्मीद
बरतन बाजार के दुकानदारों का मानना है कि अभी तो बाजार में भले ही बहुत तेजी नहीं हो, लेकिन धनतेरस पर बाजार की स्थिति बेहतर रहेगी। हालांकि थाली, लोटा, चम्मच, कांटे, कढ़ाही, प्रेशर कुकर के साथ अन्य विविध प्रकार की नई व आकर्षक लुक में बरतन आए हैं। नए लुक में आए बरतनों के चलते बाजार में हलचल भी बढ़ी है। खरीदारी की स्थिति भी पहले से बेहतर हुई है। इससे बरतन व्यवसायियों में उम्मीद है कि बााजार जल्द ही पटरी पर आ जाएगा।

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