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बीकानेर,शिक्षा विभाग का नया सत्र शुरू हुए करीब 4 माह का समय हो गया है।सैंकड़ों विद्यार्थियों को स्कूल यूनिफॉर्म का इंतजार है। गत 28 सितम्बर को दो दिवसीय दौरे पर कोटा आए स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने कहा था कि अक्टूबर माह में सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को यूनिफॉर्म मिल जाएगी।सरकार ने इसके लिए बजट भी जारी कर दिया है। लेकिन वर्तमान हालातों को देखते हुए इसी माह बच्चों को यूनिफॉर्म मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही।

कोटा। जिले के 1 हजार 374 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 1 लाख 18 हजार 905 विद्यार्थियों को करीब ढाई साल बाद भी स्कूल यूनिफॉर्म नहीं मिल पाई है। जबकि, राज्य सरकार ने पिछले वर्ष कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे को दो-दो स्कूल ड्रेस देने की घोषणा की थी, जो इस सत्र वर्ष 2022-23 से देनी है। वहीं, सरकार के स्तर पर विद्यार्थियों को ड्रेस के लिए कपड़ा दिया जाना था। जबकि सिलाने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की तय की गई थी। इसके लिए गत 30 जुलाई तक राजकीय स्कूलों में नामांकन करवाने वाले बच्चों का रिकॉर्ड भी शिक्षा विभाग से मांगा था। विभाग ने रिकॉर्ड तो भिजवा दिया, लेकिन सरकार अब तक ड्रेस के लिए कपड़ा नहीं भिजवा पाई है। सरकार की इस घोषणा के चलते अभिभावक भी असमंजस में है और बच्चों की स्कूल ड्रेस तक नहीं सिलवा पा रहे हैं।

5वीं कक्षा तक की छात्राओं को नहीं मिलेगा दुपट्टा
शिक्षा विभाग से मिली जनकारी के अनुसार, राजस्थान स्कूल शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली दो ड्रेस के लिए प्रत्येक विद्यार्थी पर 600 रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था। छात्रों को हल्की नीले रंग की शर्ट व गहरी भूरी नेकर या पेंट दी जानी है। जबकि, छात्राओं को हल्की नीली शर्ट या कुर्ता, गहरी भूरी सलवार या स्कर्ट दी जाएगी। वहीं, कक्षा पांचवीं तक की छात्राओं को दुपट्टा नहीं दिया जाएगा। जबकि कक्षा 6 से 8वीं तक की छात्राओं को गहरा भूरा दुपट्टा (चुन्नी) दिया जाना है। वहीं, पांचवीं तक के छात्रों को शर्ट व नेकर 6 से 8वीं तक के बच्चों को शर्ट और पेंट देने की योजना है।

सरकार बार-बार बदल रही निर्णय
सूत्रों के अनुसार पहले दो यूनिफॉर्म का बजट 600 रुपए तय किया था। अब इसे बढ़ाकर 740 रुपए कर दिया है। इसमें 540 रुपए में यूनिफॉर्म का कपड़ा आएगा, शेष 200 रुपए सिलाई के होंगे। सिलाई के पैसे बच्चों के खाते में डाले जाएंगे। लेकिन बाजार में दो यूनिफॉर्म की सिलाई करीब एक हजार रुपए में हो रही है। ऐसे में अभिभावकों पर अतिरिक्त भार आएगा। अभिभावकों को दो डेस की सिलाई के 600 रुपए जेब से मिलाने होंगे। इससे पहले सरकार ने सिलाई का जिम्मा स्कूलों को ही दिया था। तब शिक्षकों ने इसका विरोध किया था। 600 में से 540 रुपए कपड़े की रेट बताई गई थी। ऐसे में सिलाई के मात्र 60 रुपए ही बच रहे थे। इस पर शिक्षा विभाग ने बजट बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था। अब वित्त विभाग ने 140 रुपए की बढ़ोतरी की है। इधर, शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकार को सिलाई के पैसों में और बढ़ोतरी करनी चाहिए ताकि अभिभावकों पर अतिरिक्त भार नहीं पड़े।

इसी माह मिलनी थी यूनिफॉर्म
शिक्षा विभाग का नया सत्र शुरू हुए करीब 4 माह का समय हो गया है। प्रदेशभर के सैंकड़ों विद्यार्थियों को स्कूल यूनिफॉर्म का इंतजार है। गत 28 सितम्बर को दो दिवसीय दौरे पर कोटा आए स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने कहा था कि अक्टूबर माह में सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को यूनिफॉर्म मिल जाएगी। सरकार ने इसके लिए बजट भी जारी कर दिया है। लेकिन वर्तमान हालातों को देखते हुए इसी माह बच्चों को यूनिफॉर्म मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही। अभी तक जिला स्तर पर शिक्षा विभाग को इस संबंध में कोई सकुर्लर तक जारी नहीं किया गया है। फैक्ट फाइल
दो यूनिफार्म का बजट -740 रुपए

कपड़ा आएगा – 540 रुपए

सिलाई के – 200 रुपए

बाजार में सिलाई के – 1000 रुपए

अभी तक हमारे पास यूनिफॉर्म को लेकर कोई सकुर्लर नहीं आया है। ऐसे में यूनिफॉर्म कब मिलेगी और बजट बढ़ाया या घटाया इस संबंध में फिलहाल कुछ नहीं कह सकते। इस संबंध में जैसे ही सरकार के निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुसार कार्यवाई कर बच्चों को ड्रेस वितरित करवा दी जाएगी।
डॉ. मोहन लाल बैरवा, सहायक निदेशक शिक्षा विभाग

निदेशालय की ओर से पहले 30 जुलाई तक कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के नामांकन की सूचना मांगी गई थी, जो कब की भिजवाई जा चुकी है। इसके बाद 30 सितम्बर तक फिर से नामांकन का अपडेट आंकड़ा मांगा गया है, जिसे भी भिजवा दिया है। सरकार को अब जल्द से जल्द यूनिफॉर्म उपलब्ध करवानी चाहिए, जिससे एकरूपता बनी रहे।
रामनारायण मीणा, प्रधानाचार्य व जिलाध्यक्ष राज. शिक्षा सेवा परिषद

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