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बीकानेर,अखंड सुहाग और सौभाग्य प्राप्ति की कामना को लेकर गुरूवार को करवा चौथ पर्व मनाया गया। महिलाएं दिनभर निराहार रही। सामुहिक रूप से करवा चौथ की कथा को सुना। परम्परानुसार चांद पूजन के दौरान महिलाओं ने छलनी में दीपक रख अपने पति के चेहरे को देखा और चौथ माता से अपने अखंड सुहाग की कामना की। व्रतधारी महिलाओं ने अपने पति के हाथ से पानी पीने और मिठाई से व्रत का पारणा करने की रस्म निभाई। करवा चौथ पर महिलाओं ने सज धज कर सोलह श्रृंगार किया। मंदिरों में दर्शन करने के साथ घर-परिवार के बड़े -बुजुर्गो से आर्शीवाद प्राप्त किया। करवा चौथ पर घर-घर में उल्लास और खुशियों का वातावरण रहा। घर-परिवार की महिलाओं ने सामुहिक रूप से पूजन कर व्रत का पारणा किया।

चन्द्रमा को अघ्र्य, कथा सुनी
करवा चौथ पर महिलाओं ने चन्द्रोदय के दौरान घरों की छतो पर मिट्टी से बने करवे में जलपूर्ण कर चन्द्रमा को अघ्र्य दिया और विविध पूजन सामग्रियों से पूजन कर अखंड सुहाग की कामना की। महिलाओं ने भगवान गणेश, शिव, पार्वती का पूजन किया। घर, परिवार और मोहल्ले की महिलाओं के साथ करवा चौथ की कथा को सुना। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार करवा चौथ के दिन भगवान गणेश एवं मां पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। मिट्टी के कलश में जलपूर्ण कर उसमें तिल, चावल डालकर करवा दान किया जाता है।

पारम्परिक वस्त्र-आभूषणों से श्रृंगार
करवा चौथ पर अलसुबह महिलाएं व्रत-पूजन के लिए संकल्बद्ध हुई। पारम्परिक वस्त्रों और आभूषणों से सज धज कर तैयार हुई। कई महिलाओं ने अपने हाथों पर मेहन्दी के मांडणे रचवाए। वहीं कई महिलाएं ब्यूटी पार्लर में सज- धज कर तैयार हुई । चन्द्रदर्शन व पूजन के दौरान सोलह श्रृंगार में सजी महिलाओं ने करवा चौथ पर पूजन किया।

बाजारों में रही रौनक
करवा चौथ पर शहर के विभिन्न बाजारों में विशेष रौनक रही। फल, मिठाईयां, सुहाग सामग्री,साडिय़ा,सोना-चांदी के आभूषण, उपहार आदि की दुकानों पर भीड़ रही। करवा चौथ का व्रत रखने वाली अपनी पत्नियों के लिए कई पतियों ने आभूषणों सहित साडिय़ा, विभिन्न प्रकार के उपहार खरीदे। वहीं करवा चौथ पूजन के लिए पूजन सामग्री और मिट्टी के बर्तनों की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ रही।

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