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बीकानेर,श्री राम लक्ष्मण दशहरा कमेटी की ओर से जिला प्रशासन के सहयोग से बुधवार को मेडिकल कॉलेज मैदान में 19 वां दशहरा उत्सव नायाब आतिशबाजी, सचेतन झांकियों, गगन भेदी धमाको के साथ दैत्यराज, रावण, कुंभकरण व मेघनाद तथा लंका के दहन के साथ मनाया गया। पुतलों के दहन के दौरान हजारों की तादाद में उपस्थित दर्शकों ने बुराई के प्रतीक रावण आदि के पुतलों के दहन के समय ’’ जयश्री राम’’ के नारों से गूंज उठा। दशहरा उत्सव स्थल पर पिछले वर्षों की तुलना में चार गुना भीड़ थीं।
मुख्य अतिथि केंद्रीय सांस्कृतिक एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, विशिष्ट अतिथि महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, जनार्दन कल्ला, श्रीमती सावित्री कल्ला, कमेटी संरक्षक शिव रतन अग्रवाल उर्फ फन्ना बाबू, श्रीमती सुशीला अग्रवाल, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष मकसूद अहमद, थे। अध्यक्षता संभागीय आयुक्त डॉ.नीरज के.पवन ने की। अतिथियों का सम्मान फन्ना बाबू, श्रीराम लक्ष्मण दशहरा कमेटी के महासचिव सुभाष भोला, नरेश चुग, श्रीराम अरोड़ा, सुरेश खीवाणी आदि ने किया। अतिथियों ने वरिष्ठ कार्यकर्ता भगवानदास चानना का कार्यक्रम स्थल पर तथा 1956 से दशहरा उत्सव में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले स्वर्गीय निहाल चंद तनेजा सांस्कृतिक रत्न अवार्ड से सम्मानित किया
झांकियों में भगवान श्रीगणेश, देवी दुर्गा, लंकापती रावण, श्रीराम दरबार, बाबा रामदेव, कुंभकरण, लवकुश, महर्षि वाल्मीकि, लक्ष्मी नारायण, कृष्ण-राधिका, शिव पार्वती,लंकिनी,बनवासी राम लक्ष्मण, लवकुश, नारद, हनुमानजी के साथ प्रजापिता ब्रह््माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की साम्प्रदायिक सौहार्द तथा दशहरा कमेटी की तम्बाकू का सेवन नहीं करने, लम्पी रोग से गौ संरक्षण करने, सड़क दुर्घटना से बचने के लिए हैलमेट लगाने का संदेश देने वाली झांकियां शामिल थीं। झांकियों में जौकर, राक्षस आदि पात्र भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने थे। झांकी के प्रभारी शेखर सोनी स्वयं रावण के स्वरूप थे। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा व पुष्पा शर्मा ने किया।
आभार
श्री राम लक्ष्मण दशहरा कमेटी के महासचिव सुभाष भोला ने दशहरा उत्सव में सहयोग करने पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, मेडिकल कॉलेज प्रशासन तथा झांकियों में विभिन्न पात्रों की पात्रता निभाने वाले कलाकारों, आयोजन में विभिन्न व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने वालों का आभार व्यक्त किया है।
अगले वर्ष दशहरा उत्सव संशय में
तत्कालीन जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक ने किसी तरह के हादसे की आशंका को रोकने, डॉ.करणीसिंह स्टेडियम से भीड़ को डायवर्ट करने के लिए अपनी सुझबुझ से मेडिकल कॉलेज मैदान में दशहरा उत्सव शुरू करवाया था। इस बार मेडिकल कॉलेज के कुछ चिकित्सकों व विभिन्न मेडिकल से जुड़े कर्मियों ने 2 हजार पेड़ की दुहाई देकर उत्सव की अनुमति का अड़गा लगाया था। संभागीय आयुक्त नीरज के.पवन के प्रयास से इस बार दशहरा उत्सव हो सका। लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने दशहरा कमेटी के महासचिव सुभाष भोला से लिखवाकर लिया है कि अगले साले दशहरा उत्सव के लिए मैदान की मांग नहीं करेंगे ना ही मेडिकल कॉलेज मैदान में दशहरा उत्सव मनाएंगे। दशहरा उत्सव के लिए अपना निजी कार्य छोड़कर करीब 250 लोग करीब 2 माह तक मेहनत करते है। साधन-सुविधाओं को जुटाते है। विभिन्न व्यवस्थाओं को अंजाम देते है, झांकी के कलाकारों का चयन करते है उनकी पोशाक आदि की व्यवस्था करते है। नगर विकास न्यास, नगर निगम की ओर से दी गई आयोजन खर्च पर कुछ राशि सहयोग दी जाती है। राशि भी दो-दो साल बाद मिलती है, इससे कई बार कमेटी के पदाधिकारियों की जेब से धन खर्च हो जाता है। आयोजन के खर्च के लिए लोगों से घर-घर जाकर राशि का संकल्न किया जाता है। उत्सव संपन्न होकर दर्शक शांति से घर नहीं चले जाते तब तक आयोजक तनाव में रहते है। अनेक आर्थिक व मानसिक तनाव को झेलकर भारतीय धर्म व संस्कृति के उत्सव की परम्परा को जिन्दा रखने के लिए समर्पण भाव से लगे रहते है।

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