Trending Now












बीकानेर पी.बी.एम. अस्पताल के मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग में सात दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का शुभारम्भ मंगलवार दोपहर 11.00 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, डॉ० श्रीगोपाल गोयल तथा आचार्य डॉ० हरफूल सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। 10 अक्टूबर तक चलने वाले इस साप्ताहिक कार्यक्रम के प्रथम दिन सर्वप्रथम आचार्य, डॉ० हरफूल सिंह ने स्त्री के जीवन के अलग-अलग पढाव में आने वाली अलग-अलग समस्याओं और कठिनाइयों के बारे में बताया, उन्होने बताया कि जैसे किशोर अवस्था में महिलाओं में आने वाली महावारी के समय उन्हें क्या क्या दिक्कत होती है। तथा शादी के बाद एक दम से नये घर में जाना और नये लोगो के बीच सामंजस्य बिठाना काफी तनावपूर्ण रहता है। महिलाओ में गर्भावस्था तथा उसके पश्चात आने वाले बदलाव काफी तनावपूर्ण होते है।
इसके पश्चात आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, डॉ० श्रीगोपाल द्वारा बताया कि महिलाओं में होने वाले भिन्न-भिन्न बीमारीयों के बारे में बताया। जिसमें उन्होनें महावारी से पहले होने वाले प्री मैनचूल डिस्फोरिक डिस्ऑडर के लक्षणों जैसे चिडचिडापन, गुस्सा आना, नींद न आना, काम में मन न लगना व किसी से बात करने कि इच्छा न करना आदि के बारे में बताया। इसी के साथ-साथ उन्होने क्षुधा अभाव (एनोरेक्सिया नर्वोजा) जो कि एक आहार संबंधी विकार है, जिसमें महिलाए वजन बढ़ने के डर से कम खाना शुरू कर देती है इसी से संबन्धित बुलीमिया नर्वोसा बीमारी जिसमें महिलाए चिंता के कारण ज्यादा खाती है जिससे वजन बढने की ग्लानि महसूस होती है जिसकी वजह से वो कैलोरी घटाने के लिए वह अन्य तरीको का इस्तेमाल करती है। सहायक आचार्य, डॉ० राकेश गढवाल और डॉ० निशान्त चौधरी ने बताया कि महिलाओ में अवसाद के कारणों व लक्षणों के बारे में अवगत कराया जिसमें उन्होंने कहा कि अवसाद ग्रस्त महिलाओं में कम बातचीत करना,गुमशुम रहना, काम में मन नही लगना, उदासी महसूस करना, सिर भारी रहना, शरीर में कमजोरी महसूस करना जल्दी थकान आना व कम नीद आना आदि लक्षण होते है। सहायक आचार्य, डॉ० संगीता हटीला ने प्रजनन स्वास्थ्य और उस से जुड़ी बीमारियों के लक्षणों के बारे में बताया जिसमें उन्होनें प्रसव पश्चात अवसाद तथा मनोविकार के लक्षणों जैसे उदासी, रोना आना, गुस्सा, चिडचिडापन, बहकी बाते करना और कई बार गंभीर अवस्था में बच्चे को नुकसान पहुचाना आदि के बारे में बताया। इसके बाद क्लिनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ० अन्जू ठकराल ने एक खुशहाल परिवार के लिए एक महिला के खुश और स्वस्थ रहने की भूमिका के बारे में बताया। यदि एक महिला मानसिक रूप से स्वस्थ नही है तो उसका असर पूरे परिवार पर पडता है। उसके बाद डॉ० ईशा चौधरी ने डिसोसिएटिव डिस्ऑर्डर को लेकर अपने विचार रखें।

 

Author