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बीकानेर चूरू चूरू कलेक्ट्रेट परिसर में आज महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में महात्मा गांधी के सिद्धांतों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी बने बच्चे महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे घंटों तक धूप में तपते रहे, उधर सामने अतिथि के रूप में सोफों पर बैठे गांधीवादी ठंडी हवा के बीच ठहाके लगाते रहे। यहां चहेते ठेकेदारों को भी कुर्सियों पर बैठाया गया। दुर्भाग्य की बात है कि विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि के रूप में सर्व धर्म सभा में आए धर्मगुरुओं के साथ भी उचित व्यवहार नहीं हुआ। सवाल यह उठता है कि बच्चों को धूप में जमीन पर बैठाकर गांधीजी खुद ठंडी हवा में सोफे पर बैठकर ठहाके कब लगाते थे? सभी को प्रतिमा के आगे गद्दे और दरी बिछाकर भी बैठाया जा सकता था, या फिर ये गांधीवादी सोफों पर ही बैठते हैं। आज जो पूरे कार्यक्रम में जमीन पर बैठे रहे उन्हें ही सच्चा गांधीवादी कहा जा सकता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर रविवार को जिला स्तर पर हुई इस सर्वधर्म प्रार्थना सभा में वाराणसी के प्रख्यात गांधीवादी विचारक सतीश राॅय, राजस्थान राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज, कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग, एस पी दिंगत आनंद, रियाजत खान, रतन लाल जांगिड, एडीएम लोकेश गौतम आदि सहित गांधीवादी मंचस्थ रहे। यहां इस बात की भी चर्चा रही कि राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण कार्यक्रम में अव्यवस्थाओं के कारण बीच में ही चले गए। संचालक उम्मेद गोठवाल कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग की मुस्कान के दीवाने हो गए और खुले मंच से यह बात कहकर महात्मा गांधी के कौनसे सिद्धांतों को मजबूती प्रदान की? यह पब्लिक है, सब जानती है। एक और मजे की बात है कि 14 साल बाद भी यहां महात्मा गांधीजी की प्रतिमा को ऐनक नसीब नहीं हुआ है। जबकि महात्मा गांधी के नाम पर इन वर्षों में यहां लाखों रुपए इधर उधर हो चुके हैं और हो रहे हैं। जिला प्रशासन को अवगत करवा देने के बाद भी महात्मा गांधीजी की प्रतिमा को ऐनक उपलब्ध नहीं करवाया गया है। गांधीजी की प्रतिमा को बिना ऐनक के तो सिर्फ चूरू में ही देखा जा सकता है। आज के कार्यक्रम ने प्रशासन और तथाकथित गांधीवादियों की वास्तविकता की पोल खोल दी है।

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