बीकानेर, रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया के सान्निध्य में शनिवार से 9 अक्टूबर तक शाश्वत ओली की साधना आराधना व भक्ति, गुरु इकतीसा का सामूहिक जाप शुरू हुआ।
ृ शनिवार को भक्तामर पूजन व अभिषेक विधान में 39 व 40 वीं गाथा के मंत्रों के साथ भगवान आदिनाथ का पूजन किया गया। रविवार को उपासरे में दोपहर 2 से 4 बजे तक बच्चों का विशेष शिविर आयोजित किया जाएगा। सुश्रावक गिरधर लाल, महेन्द्र कुमार बैद परिवार और सुश्रावक केशरीचंद, गौरव कोठारी परिवार के सुमन बैद, सम्पत बाई डागा, खुशबू,कुशल व तेजस बैद ने शनिवार की पूजा व प्रभावना का लाभ लिया। रविवार को सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री भक्तामर पूजा रतन लाल नाहटा (छोटू बाबू) राजेश कुमार, देवेन्द्र कुमार नाहटा परिवार की ओर से भक्तामर पूजा की जाएगी।
साध्वीश्री मृगावती ने नवपद ओली के प्रवचन में कहा कि जैन धर्म में अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु,, दर्शन,ज्ञान, चारित्र व तप नौ पदों को सर्वाधिक वंदननीय, पूजनीय, मंगलकारी व कल्याणकारी माना गया है। जैन धर्म व संस्कृति में नवपद ओली के प्रथम दिन ’’अरिहंत’’ पद की साधना, आराधना व भक्ति का विधान है। ’’अरि’’ यानि शत्रु, ’’हंत’’ यानि नाश करने वाला । अपने में व्याप्त काम, का्रेध, लोभ, मोह व अहंकार आदि शत्रुओं को नाश करने वाला अरिहंत कहलाता है। जैन धर्म में अरिहंत परमात्मा के कारण करुणा, अहिंसा का संसार में व्यापक प्रचार व प्रतिष्ठा हुई तथा , धर्म व ज्ञान का आलौक फैला। नवपद ओली के दूसरे दिन रविवार को सिद्ध पद की आराधना की जाएगी। शनिवार को ही श्रीपाल मैना सुन्दरी रास पर विशेष व्याख्यान शुरू हुआ।
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