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बीकानेर,त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है.अब अक्टूबर के महीने में दिवाली और धनतेरस जैसे बड़े त्योहार भी आने वाले हैं. भारत में त्योहारी सीजन में लोग धातुओं की खरीद को काफी अहम मानते हैं. इनमें लोग सबसे ज्याद खरीद सोना और चांदी की करते हैं. धनतेरस और दिवाली पर लोग सोना और चांदी खरीदना काफी शुभ मानते हैं. हालांकि फिलहाल सोना और चांदी के दाम में काफी हलचल देखने को मिल रही है.चांदी में पिछले दिनों ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. वहीं सोना भी नीचे है. ग्रीन पोर्टफोलियो के-को,फाउंडर दिवम शर्मा ने दिवाली और धनतेरस पर सोने-चांदी की मांग पर विस्तार से बताया है. दिवम शर्मा ने कहा है कि त्योहारी सीजन का सोने की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.कीमतों में बढ़ोतरी के लिहाज से इस त्योहारी सीजन में सोने की चमक साफ तौर पर खत्म हो गई है. उनका कहना है कि भारत में त्योहारी सीजन सोने की कीमतों को प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि बहुत सारे मैक्रो कारकों का पीली धातु की कीमत पर प्रभाव पड़ रहा है और असमान वर्षा ने ग्रामीण आय को प्रभावित किया है. ग्रामीण मांग भारत के सोने की खपत का 60% हिस्सा है. हमें उम्मीद है कि सोने का कारोबार इस त्योहारी सीजन में करीब 48-50k प्रति 10 ग्राम जबकि चांदी की कीमतें 55-58k प्रति किलोग्राम के आसपास कारोबार करेगी.दरों में बढ़ोतरी या गिरावट के कारण? दिवम का कहना है कि अगर कोई एक कारक है जो आज कीमतों को चला रहा है, तो वह है ब्याज दरें. अमेरिका में लंबी अवधि की मुद्रास्फीति की उम्मीदें अभी भी 2.5% पर हैं, जबकि 10 साल की उपज 2% से बढ़कर 3.8% हो गई है. अमेरिका में मूल मुद्रास्फीति लगभग 8.5% है जो अभी भी बहुत अधिक है.विकसित देशों में आर्थिक मंदी की उम्मीदों और चीन के लॉकडाउन से उद्योग गतिविधि कम है, जिसके परिणामस्वरूप चांदी जैसी वस्तुओं पर दबाव बना हुआ है.धनतेरस / दिवाली के दौरान सोने और चांदी की कीमत हम उम्मीद करते हैं कि सोने की कीमतें 50 हजार प्रति 10 ग्राम के करीब समेकित होंगी क्योंकि सोने की कीमतें आर्थिक विकास, मुद्रास्फीति, डॉलर सूचकांक और उच्च बॉन्ड प्रतिफल सहित कई मैक्रो कारकों से प्रेरित होती हैं.दिवाली और समान त्योहार इस समय कीमतों के लिए एक प्रमुख चालक नहीं हैं. निचले स्तर पर दिवम ने बताया कि हमें उम्मीद है कि वैश्विक दरों से सोने और हैं. निचले स्तर पर दिवम ने बताया कि हमें उम्मीद है कि वैश्विक दरों से सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आएगी, जबकि हाजिर मांग का बड़ा असर नहीं होना चाहिए.वैश्विक बाजारों में सोना करीब 1624 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था. यह करीब 2 साल के निचले स्तर पर है. हमारा मानना है कि सोने को दबाव का सामना करना पड़ेगा और $ 1550 – $ 1650 प्रति औंस की सीमा में मजबूत होना चाहिए. शुरुआत बेहतरीन,

इस बार त्योहारी सीजन पर मार्केट अच्छा रहेगा,जाखड़

शुरुआत बेहतरीन हुई है, यह संकेत है की इस बार त्योहारी सीजन पर मार्केट अच्छा रहने वाला है।सीजन की शुरुआत के साथ ऑर्डर से इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। एक वजह कोरोना भी रहा है। इसके बाद अभी बजार में खरीददार पूरी तरह लौटे हैं। साथ ही ज्वैलरी को लेकर टैंड भी तेजी से बदला है -रेवंत जाखड़,संचालक, टी० एन० ज्वैलरी शोरूम, बीकानेर

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