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बीकानेर,पिछले काफी समय से यह चर्चा की जा रही है कि कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज की वजह से हार्ट अटैक के केस बढ़ रहे हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स ने इन अफवाहों को खारिज कर दिया है.विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट की बीमारियों और बूस्टर डोज के बीच कोई लिंक नहीं है. एक्सपर्ट्स ने कोविड वैक्सीन को हार्ट के लिए नुकसानदायक नहीं बताया है. डॉक्टरों का कहना है कि वैक्सीन से हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों में इजाफा होने का अभी तक कोई मेडिकल प्रमाण नहीं आया है.

फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. विवेक चतुर्वेदी ने बातचीत में कहा कि कोविड के बाद दिल की धड़कन के अनियमित होने के केस देखे जा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि ये टीके की वजह से हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोविड वैक्सीनेशन से पहले भी हार्ट की ये बीमारियां हो रही थी. वैक्सीन से हार्ट की बीमारी होने का कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन ये जरूर है कि कोविड वायरस की वजह सेहार्ट से संबंधित बीमारियां हो सकती है.कोविड वायरस से हार्ट हो रहा कमजोर

ऐसे मामले भी देखे जा रहे हैं जहां पहले से लोगों को हार्ट की परेशानी थी और कोविड से संक्रमित होने के बाद ये समस्या और भी बढ़ गई है. ऐसे लोगों को हार्ट अटैक, हार्ट फेल और दिल की धड़कन के अनियमित होने की परेशानी हो सकती है. जिन लोगों को पहले दिल की बीमारी नहीं थी, लेकिन डायबिटीज या बीरी की समय्या थी, कोविड होने के बाद उन्हें भी हार्ट डिजीज होने की आशंका है. यहां तक की अगर किसी को हार्ट की बीमारी नहीं है, लेकिन वो व्यक्ति कोविड से गंभीर रूप से संक्रमित हुआ तो दिल की बीमारी होने का खतरा है.

कोरोना महामारी के दौरान हार्ट अटैक के केस क्यों बढ़ गए?

इस सवाल के जवाब में डॉ. विवेक ने कहा कि कोविड के पीक के दौरान काफी लोगों की घर पर मौत हो गई थी. इसका कारण यह भी था कि वायरस के डर की वजह से लोग अस्पताल जाने से बच रहे थे. कुछ देशों से मिले डेटा बताते हैं कि कोविड की वजह से हार्ट की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है.कोविड से रिकवरी के बाद सेहत पर ध्यान देना जरूरी

गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ विनायक अग्रवाल का कहना है कि कोरोना से संक्रमित होने की वजह से जो मरीज लंबे समय तक अस्पतालों में भर्ती रहे थे उन्हें रिकवरी के दौरान बेहतर देखभाल की जरूरत होती है. अगर किसी व्यक्ति को कोविड से रिकवर होने के बाद थकान, कमजोरी और छाती में दर्द की परेशानी हो रही है तो ऐसे मरीज को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

ये परेशानियां होने पर तुरंत डॉक्टरों से सलाह लेने की जरूरत है. मरीज को ब्लड टेस्ट, ईसीजी या फिर कार्डिक एमआरआई करा लेना चाहिए. इससे हार्ट में हो रही किसी भी परेशानी का पता लगाया जा सकता है. समय पर लक्षणों की पहचान और इलाज से दिल की बाीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है.इन बातों का रखें ध्यान

कोविड से रिकवर हो रहे मरीजों के लिए जरूरी है कि वे ज्यादा हैवी वर्कआफट न करें. खानपान का ध्यान रखें और लॉन्ग कोविड की कोई भी परेशानी होने पर इलाज कराएं.

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