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बीकानेर,गुजरात के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने देश में पहली बार एक ही ऑपरेशन थियेटर में दो महिलाओं का गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया है. यह उपलब्धि अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर के नाम पर दर्ज हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि दोनों महिलाएं अब मां बन सकेंगी.

*अहमदाबाद,*
गुजरात के डॉक्टरों ने देश में पहली बार सरकारी अस्पताल में दो महिलाओं का एक ही ऑपरेशन थिएटर में गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया है. इसके बाद उनकी मां बनने की बाधा दूर हो गई है. दोनों महिलाओं को उनकी मां ने गर्भाशय डोनेट किया है. फिलहाल दोनों महिलाओं को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.

*अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ* किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर (IKDRC) में यह सफल प्रत्यारोपण किया गया है. दोनों महिलाओं का एक साथ रविवार को ऑपरेशन कर गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया गया. डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का ट्रांसप्लांट देश में पहली बार सरकारी अस्पताल में हुआ है.
विश्व में भी ये पहला ऐसा मामला हो सकता है, जहां एक ही दिन में दो महिलाओं का एक साथ एक ही अस्पताल में गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया गया हो. जिन महिलाओं को उनकी मां ने गर्भाशय डोनेट किया है, उनमें एक की उम्र 28 और दूसरी की 22 साल है.

*जिस कोख से खुद जन्म लिया, उसी से मिलेगा मातृत्व सुख*

28 साल की महिला को जन्म से ही गर्भाशय की समस्या थी, जिस वजह से वो मां नहीं बन पा रही थी. जब डॉक्टरों से इस संबंध में परामर्श लिया. इसके बाद महिला और उसकी मां की जांच हुई. महिला की मां ने गर्भाशय डोनेट करने का फैसला किया. इसके बाद अब उसकी बेटी की मातृत्व सुख की इच्छा पूरी होने वाली है.

वहीं, 22 साल की महिला के जन्म से ही गर्भाशय नहीं था. ऐसे में बेटी की मां बनने की इच्छा को पूरी करने के लिए उसका मां ने भी उसे गर्भाशय डोनेट कर दिया. डॉक्टरों का कहना है कि गर्भाशय ट्रांसप्लांट के बाद अब दोनों ही महिलाएं मां बन पाएंगी. फिलहाल दोनों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.

डॉक्टरों का कहना है कि अनुमान के मुताबिक, भारत में 15 प्रतिशत महिलाएं इनफर्टिलिटी की समस्या की वजह से मां नहीं बन पाती हैं. 5000 में से एक महिला को शरीर में गर्भाशय की समस्या होती है. *इन महिलाओं के लिए अब ये सर्जरी उम्मीद बनेगी कि वो सरकारी अस्पताल में कम खर्च में ऑपरेशन करवाकर मां बन सकती हैं.*

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