
बीकानेर,मूलतःसिकराय की बहू डॉ. नीलम गोयल की पहचान अब परमाणु सहेली के रूप में बन गई है। वर्ष 2008 में पीएचडी के बाद महिला कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में कार्य करने वाली डॉ. नीलम का जीवन वर्ष 2011 में जापान में आई सुनामी के बाद बदल गया। उन्होंने पोस्ट डॉक्टरल प्रशिक्षण परमाणु ऊर्जा विभाग भारत सरकार में लिया था । ऐसे में सुनामी के बाद एंटी परमाणु प्रचार होता देख वे नौकरी छोड़कर गलतफहमियों को दूर करने की मुहिम में लग गई। गोयल का कहना है कि उन्होंने देशभर में एक हजार से अधिक वर्कशॉप कर परमाणु ऊर्जा के पक्ष में लोगों को जागरूक किया। ऐसे में उन्हें परमाणु सहेली के नाम से बुलाए जाने लगा । परमाणु बिजली संयंत्रों को शरू कराने में योगदान दिया इसके लिए कई अवार्ड से भी नवाजा गया। वर्तमान डॉ. में डॉ. नीलम ने राजस्थान में पानी की समस्या को दूर करने के लिए वर्षा जल संरक्षण जागरूकता अभियान अपने बेटे आइआइटियन विप्र गोयल के साथ शुरू कर रखा है। छारेड़ा से शुरुआत कर दौसा जिले में लगातार जागरूकता की मुहिम चलाई है। उनके पति भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में सीनियर साइंटिस्ट हैं। पति व बेटे के सहयोग से समाजसेवा के कार्य में जटी हुई हैं।