बीकानेर,शारदीय नवरात्रि में क्या करें और क्या नहीं, इसे लेकर लोगों को भ्रम रहता है. वैसे तो इस दौरान नए काम करने की परंपरा रही है. हालांकि कुछ काम ऐसे भी हैं, जो इस दौरान वर्जित माने जाते आइए जानते हैं किस तरह के कार्य किए जा सकते हैं और कौनसे नहीं….
बीकानेर. शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि में नए काम की शुरुआत करने की भी परंपरा है, क्योंकि नवरात्रि का मुहूर्त अबूझ होता है. जिसका अर्थ होता है इसमें मुहूर्त पूछने की जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन बावजूद इसके नवरात्रि में कई काम नहीं करने को लेकर शास्त्रों में उल्लेख किया गया है. पंचांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि शारदीय नवरात्रि खासतौर से महालक्ष्मी की आराधना का पर्व है.
उन्होंने कहा कि नवरात्रि के दौरान शांत चित्त रहकर एकाग्रता से क्रोधरहित रहते हुए देवी की आराधना करनी चाहिए. नए काम की शुरुआत को लेकर किराडू कहते हैं कि नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ, घर में भौतिक सुख-सुविधाओं के लिए नए सामान की खरीद नवरात्रा में करना शुभ माना जाता है. इसके अलावा जीवन में किसी भी तरह की उन्नति के उद्देश्य से नई शुरुआत के लिए नवरात्रि का खास महत्व है। शारदीय नवरात्रि के दौरान क्या काम करें और क्या नहीं यह काम नहीं करना चाहिए: किराडू कहते हैं कि नवरात्रि देवी की आराधना का पर्व है. इसलिए गृहस्थ लोगों को नवरात्र के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इसके अलावा शारदीय नवरात्र के दौरान हिंदू पंचांग के अनुसार कई बार चातुर्मास का संयोग रहता है. चातुर्मास में नए मकान का गृह प्रवेश और नींव का पूजन निषेध बताया गया है. हालांकि मकान को दोबारा बनाए जाने की स्थिति में मुहूर्त या नींव पूजन की मनाही नहीं है. इस बार शुक्र ग्रह अस्त: किराडू कहते हैं वैसे तो नवरात्रि के दौरान नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ और अन्य नए काम किए जाते हैं. लेकिन इस बार 1 अक्टूबर से शुक्र ग्रह के अस्त होने के चलते कई शुभ कार्य को शास्त्र में वर्जित माना गया है.
लोकाचार में बन गई परंपरा: नवरात्रि के दौरान साबुन नहीं लगाने, यात्रा नहीं करने जैसे दैनिक जीवन से जुड़े कई ऐसे काम हैं जिनका शास्त्र में कहीं उल्लेख नहीं है. लेकिन अब लोकाचार में लोग इन कामों को लेकर मनाही करते हैं. लेकिन पीढ़ियों से चल रहे ये लोकाचार अब परंपरा का रूप ले चुके हैं. कई लोग नवरात्रि में नए कपड़े, चप्पल-जूते नहीं खरीदते हैं. नए कपड़े भी नहीं पहने जाते हैं. हालांकि शास्त्रों में इस तरह का कोई उल्लेख नहीं है. पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि शास्त्रों में कई कामों की मनाही का कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन लोकाचार में जिन चीजों को लेकर परंपरा बन गई है, लोग उनका पालन करते हैं.व्रत उपवास में रखें ध्यान: किराडू कहते हैं कि जो लोग नवरात्रि के दौरान उपवास रखते हैं, उनको कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. नवरात्रि के दौरान व्रत करने वालों को एक वक्त ही अन्न ग्रहण करना चाहिए. घर से बाहर का कुछ भी खाना नहीं चाहिए. कुछ लोग केवल पानी और तुलसी के पत्ते के साथ 9 दिन तक व्रत रखते हैं. तो कई लोग केवल दूध पर निर्भर रहते हुए व्रत करते हैं, लेकिन यह सब श्रद्धा के अनुसार है.