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बीकानेर,नोखा,आज राजस्थान विधानसभा में नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 की चर्चा में भाग लिया और राजकीय जिला अस्पताल नोखा का भवन निर्माण कार्य शुरू करने की मांग व रिक्त पद भरने की मांग की ।

विधायक बिश्नोई ने कहा कि कोरोना काल मे सरकार ने आपदा के समय नोखा में जिला अस्पताल की घोषणा की थी , केंद्र सरकार ने भवन निर्माण हेतु 40 करोड़ का बजट स्वीकृत कर दिया था, जमीन सम्बन्धी जटिल प्रक्रिया पूर्ण हो गयी है मंत्री जी से मांग है कि भवन का नक्शा अप्रूव करके जल्द से जल्द भवन निर्माण का कार्य शुरू करवाया जाए ।

अभी जिला अस्पताल सीएचसी में चल रहा है जरूरतों के हिसाब से चिकित्सको के रिक्त पद भी भरे है बाकी रिक्त पदों को तुरन्त भरा जाए और नर्सिंग कर्मियों के 54 में से 39 रिक्त पद है उन्हें तुरन्त भरा जाए ।

पीबीएम बड़ा अस्पताल है । जिसमे केंसर का बड़ा सेंटर है, वहां रजिस्ट्रेशन के लिए लम्बी लाइन लगती है इसका समाधान किया जाए, सोनोग्राफी करवाने के लिए दो दो माह बाद कि तारीख मिलती है सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए ।

पीडीएस व मिड डे मील में बाजरा को शामिल किया जाए ताकि एनिमिमा की बीमार समाप्त हो सके । इसमें तिल को भी शामिल किया जाए क्योंकि तिल में दूध से 17 गुणा ज्यादा केल्सियम है जिससे हड्डी मजबूत होगी ।

राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 बिना तैयारी जल्दबाजी में लाया गया विधेयक है । इस विधेयक को लाने से पहले जनता के बीच लेजाकर चर्चा करनी चाहिए, जनता के व्यू लेने व प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए फिर तैयारी के साथ यह विधेयक सदन में लाना चाहिए ।

प्राइवेट अस्पताल में फीस जमा करवाने पर ही ईलाज शुरू किया जाता है कई प्राइवेट अस्पताल में चिरंजीवी योजना में पेशेंट जुड़ा होने के बाद भी फ्री ईलाज नही करते ।ऐसे अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए । रासीसर गांव के दलित बीमार व्यक्ति स्थिति ज्यादा खराब थी उससे दो बार पैसे जमा करवा लिए , फिर चिरंजीवी कार्ड दिया अस्पताल प्रशासन ने ध्यान नही दिया । 3 दिन बाद इलाज के दौरान देहांत हो गया फिर भी बॉडी देने से पहले 40 हजार रुपये मांगे गए । जैसे ही मुझे सूचना मिली जिला प्रशासन व अस्पताल प्रशासन से बात करके बॉडी दिलाई और सारे पैसे वापस दिलाये। इस बारे में सभी जनप्रतिनिधियों को जागरूक होकर जनता की आवाज बननी चाहिए ।

28000 सीएचए जिन्होंने कोरोना काल मे योद्धा की तरह कार्य किया और उन्हें हटा दिया गया है पिछले कई महीनों से धरना देकर हक मांग रहे है सरकार को उनकी बात सुनकर समाधान किया जाना चाहिए ।

सविंदा कर्मी नियमितीकरण की मांग कर रहे है, कम्प्यूटर ऑपरेटर व लेब टेक्नीशियन विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत है उनका समाधान किया जाना चाहिए ।

सरकार ने बजट में दो बार जबावदेही कानून लेने की घोषणा की लेकिन अभी तक नही लाये है इसके बिना यह विधेयक लान उचित नही है ।

संपर्क पोर्टल पर करोड़ो शिकायत दर्ज हुई है लेकिन उनका समाधान ना करके गोल मोल जवाब देकर शिकायत बंद कर दी ।
शहरी रोजगार योजना का क्या हश्र है किसी से नही छुपा है

शुद्ध के लिए युद्ध साल में एक बार चलाया जाता है, दीपावली नजदीक है, लंपी ने गौवंश को लील लिया है इसलिए सघन अभियान चलाकर दूध, मावा मिठाई की जांच की जाए, दस हजार सैम्पल लिए उनका क्या किया, लेबोरेट्री की क्या स्थिति है सरकार को ध्यान देना चाहिए ।

पीबीएम में कैंसर के मरीज दिनों दिन बढ़ रहे है मेरा सुझाव है कि मोबाइल वेन जो केसर की जांच गांव में जाकर कर ले उसके लिए करोड़ रुपये दिए जा सकते है पीबीएम प्रशासन इसके लिके स्टाफ की व्यवस्था करवाये तब । इससे प्राइमरी स्टेज पर ही केंसर का पता लगा जाएगा जिससे समय पर ईलाज हो सके ।

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