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बीकानेर,कांग्रेस ने कहा कि ये उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर है कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत इमामों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के पास पहुंच गए प्रमुख मोहन भागवत ने अपने मस्जिद दौरे से सभी को हैरान कर दिया. उन्होंने दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित मस्जिद का दौरा किया और इसके बाद आजादपुर में मदरसा तजावीदुल कुरान का दौरा भी किया. इस दौरान उनकी ऑल इंडिया मुस्लिम इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी से मुलाकात हुई. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने मोहन भागवत और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

कांग्रेस ने बताया भारत जोड़ो यात्रा का असर
कांग्रेस ने कहा कि ये उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत इमामों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के पास पहुंच गए. इतना ही नहीं विपक्ष दल ने मोहन भागवत को भारत जोड़ो यात्रा में तिरंगे के नीचे आने का भी न्योता दे दिया.

कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, ”अभी भारत जोड़ो यात्रा को मात्र 15 दिन हुए हैं और भाजपा के प्रवक्ता ‘गोडसे मुर्दाबाद’ बोलने लगे, मंत्री मीडिया से फैलने वाली नफ़रत पर चिंतित होने लगे और मोहन भागवत इमामों के पास पहुंच गए. आगे आगे देखिए होता है क्या.”

तिरंगा पकड़कर चलने की दी सलाह
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ”भारत जोड़ो यात्रा के सिर्फ दो सप्ताह हुए हैं और उसके नतीजे आने लगे हैं. भाजपा का एक प्रवक्ता टीवी चैनल पर ‘गोडसे मुर्दाबाद’ कह रहा है. भागवत जी आज दूसरे धर्म के लोगों के घर जा रहे हैं. यह भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव है.” उन्होंने कहा, ”ये यात्रा जब संपन्न होगी तो देश में जो नफरत है, जो कटुता है, जो धर्मों के आधार पर विभाजन है, उस पर मरहम लगाने का काम करेगी. हम भागवत जी आग्रह करेंगे कि आप पर भारत जोड़ो यात्रा के माहौल से इतना प्रभाव पड़ा है तो एक घंटे के लिए इस यात्रा में शामिल हो जाइए और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में चलिए और हाथ में तिरंगा लेकर चलिए. 52 साल तक आपने तिरंगा नहीं पकड़ा, अब पकड़िए और भारत को जोड़िए.”पीएफआई के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई पर कांग्रेस नेता ने कहा, ”जो भी संस्था भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है, भारत को तोड़ने की कोशिश करे उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. सवाल ये है कि आठ साल से पीएफआई को प्रतिबंधित करने के लिए पहल क्यों नहीं की? ”

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने गुरुवार 22 सितंबर को एक मस्जिद और मदरसे का दौरा किया और ऑल इडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख के साथ चर्चा की. इमाम संगठन के प्रमुख ने दोनों की मुलाकात के बाद भागवत को ‘राष्ट्रपिता’ कहा.

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