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बीकानेर,भारतीय रेलवे ने आईआरईपीएस (भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम) के माध्यम से वाणिज्यिक कमाई और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने के लिए कदम उठाए हैं। श्री अश्विनी वैष्णव ने जून 2022 में वाणिज्यिक कमाई के लिए ई-नीलामी शुरू की थी। ई- नीलामी पोर्टल ने रेलवे की कमाई में वृद्धि की है और संपत्ति के सही मूल्य की वसूली में मदद की है। अर्निंग एसेट्स: पार्सल वैन, पे एंड यूज टॉयलेट, स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया और कोचों पर विज्ञापन अधिकार, एसी वेटिंग रूम, क्लोक रूम, पार्किंग लॉट, प्लास्टिक बॉटल क्रशर, एटीएम, स्टेशन को-ब्रांडिंग, मांग पर सामग्री के लिए वीडियो स्क्रीन आदि। संपत्तियों को एक बार पोर्टल में स्थान-वार मैप किया जाएगा, और सिस्टम हमेशा याद रखेगा कि यह कमाई के लिए कवर किया गया है या नहीं। इससे रियल टाइम आधार पर परिसंपत्तियों की निगरानी में सुधार होगा और परिसंपत्ति निष्क्रियता कम होगी।

बीकानेर मंडल द्वारा अब तक ई-ऑक्शन के माध्यम से 25 ठेके, जिन से लगभग 12.06 करोड़ रूपए राजस्व प्राप्त होगा , की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुके हैं। ई-ऑक्शन के माध्यम से मंडल के 7 ट्रेनों में 10 एसएलआर को पार्सल परिवहन हेतु लीज पर देने के ठेके जिन से लगभग 11.16 करोड़ रूपए , स्टेशनों में वाणिज्यिक विज्ञापन के कुल 14 ठेके जिन से लगभग 73.40 लाख रूपए तथा हिसार स्टेशन पर पे एंड यूज टॉयलेट संचालन ठेका जिस से लगभग 17.00 लाख रूपए राजस्व प्राप्त होगा , ई-ऑक्शन के माध्यम से आवंटित हुए हैं। जिनसे रेल राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है ।

ई-नीलामी प्रणाली की मुख्य विशेषताएं:
• नीलामी आईआरईपीएस के ‘ई-नीलामी लीजिंग’ मॉड्यूल के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी www.ireps.gov.in
• ई-नीलामी के लिए नीति और रेलवे बोर्ड द्वारा जारी नीलामी की मानक शर्तें:
i) पूर्व में मंडल वार ठेकेदारों के भौतिक पंजीकरण की प्रणाली को समाप्त
कर दिया गया है
ii) केवल वित्तीय मानदंड – ठेकेदारों द्वारा पिछले कारोबार की स्व-घोषणा के
आधार पर
iii) वित्तीय कारोबार मानदंड युक्तिसंगत और मानकीकृत- 40 लाख वार्षिक
अनुबंध रुपय तक कोई टर्नओवर की आवश्यकता नहीं है
iv) ठेकेदारों का एकमुश्त ऑनलाइन स्व-पंजीकरण
v) किसी भी डिवीजन की किसी नीलामी में भाग लेने के लिए कोई भौगोलिक प्रतिबंध नहीं

• सभी परिसंपत्तियों को बेहतर निगरानी और अग्रिम में अनुबंध जारी करने को सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम में फीड किया जाएगा – संपत्ति निष्क्रियता कम
• संपत्ति के सभी विवरणों के साथ नीलामी सूची आईआरईपीएस पोर्टल पर ऑनलाइन प्रकाशित की जाएगी, न्यूनतम 15 दिन पहले
• नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी- बोलीदाता भारत में कहीं से भी भाग ले सकेंगे
• नीलामी के लिए कम से कम 30 मिनट का समय दिया जाएगा ताकि सभी इच्छुक ठेकेदार अपनी बोलियां जमा कर सकें।
• किसी भी कैटलॉग में लगातार लॉट की नीलामी 10 मिनट के अंतराल के बाद बंद कर दी जाएगी
• यदि नीलामी बंद होने के समय के अंतिम 2 मिनट के भीतर कोई बोली प्राप्त होती है, तो लॉट के समापन समय को स्वचालित रूप से 2 मिनट के लिए बढ़ा दिया जाएगा। सभी बोलीदाताओं को अपनी बोलियां जमा करने के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित करने के लिए 10 ऐसे ऑटो एक्सटेंशन की अनुमति दी जाएगी।
• लॉट के आरक्षित मूल्य का खुलासा नहीं किया जाएगा और बोलीदाता अपने मूल्यांकन के अनुसार संपत्ति की वास्तविक व्यावसायिक क्षमता के अनुसार किसी भी बोली की पेशकश करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
• बोलियां स्वतः तय होंगी
• यदि उच्चतम बोली (H1) आरक्षित मूल्य के बराबर या उससे अधिक है तो नीलामी बंद होने के बाद उसी दिन अनुबंध को अंतिम रूप दिया जाएगा।
• बिड शीट और अनुबंध समझौते पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे
• अनुबंध के लिए भुगतान अनुसूची तुरंत तैयार की जाएगी।
• ठेकेदार द्वारा सभी भुगतान ऑनलाइन किए जाएंगे
• पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पेपरलेस होगी

फ़ायदे:

(1) ऑनलाइन देश भर मे संभावित बोलीदाताओं को बोली प्रक्रिया में भाग लेना संभव बनाता है।
(2) ठेका देने के बाद रेलवे को ऑनलाइन भुगतान- अभी तक पार्सल लीजिंग अनुबंध में दैनिक मैन्युअल भुगतान का प्रावधान है, जो एक थकाऊ प्रक्रिया है। अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है।
(3) बेहतर निगरानी: मेपिंग के बाद, जब किसी विशेष संपत्ति का कमाई अनुबंध पूरा होने वाला होता है, तो पोर्टल संकेत देता है और नई नीलामी शुरू करने के लिए मजबूर करता है, इस प्रकार संपत्ति का निष्क्रिय समय न्यूनतम हो जाता है।
(4) अखिल भारतीय पात्रता शर्तों का मानकीकरण।
(5) प्रक्रियाओं का सरलीकरण। निविदाओं को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय को काफी कम कर देता है और इस कारण राजस्व हानि को रोकेगा।
(6) किसी भी ठेकेदार की विफलता के मामले में अनुबंध प्रक्रिया का त्वरित पुन: प्रारंभ
(7) बोलीदाताओं के बीच मिलीभगत को तोड़ता है। बोलीदाताओं की पहचान एक दूसरे से और भारतीय रेल से छिपाई जाएगी।
(8) बोलीदाताओं के बीच उच्च प्रतिस्पर्धा के कारण संपत्ति की वास्तविक व्यावसायिक क्षमता प्राप्त करके राजस्व आय में वृद्धि होगी।
(9) परिसंपत्तियों की निष्क्रियता को कम करेगा, जिसके परिणामस्वरूप परिसंपत्तियों से क्षमता अनुसार अधिकतम लाभ होगा।
(10) 40 लाख तक की कोई पात्रता मानदंड नहीं, स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने में मदद करेगा

वर्तमान में बीकानेर मंडल ई-ऑक्शन के माध्यम से पार्किंग के 19, पे एंड यूज टॉयलेट का 01, वाणिज्यिक विज्ञापन के 30, एसएलआर को पार्सल परिवहन हेतु लीज पर देने के 54 ठेके, प्रक्रियाधीन हैं । इन सभी ठेकों की प्रक्रिया 23 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच पूर्ण कर ली जाएगी। यह प्रणाली निरंतर जारी रहेगा और भविष्य में सभी ठेके ई ऑक्शन के माध्यम से ही होंगे । रेल प्रशासन ने सभी से अनुरोध किया है की अधिक से अधिक निविदाकार ई-ऑक्शन प्रक्रिया में सम्मिलित हो कर पारदर्शी और त्वरित निविदा प्रक्रिया का लाभ ले सकते हैं।

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