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बीकानेर.कोरोना संक्रमण का प्रकोप दुनियाभर में पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से जारी है। इस दौरान वायरस में हुए कई तरह के म्यूटेशन इसे और भी खतरनाक बना रहे हैं, इसे देखते हुए वैज्ञानिक तीसरी लहर को लेकर तमाम तरह की आशंका जता रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में दवाओं के साथ लोगों का रुझान पारंपरिक और आयुर्दिक चिकित्सा पद्धति की तरफ भी देखने को मिला। लोगों ने संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की घरेलू औषधियों को प्रयोग में लाना शुरू कर दिया, कुछ औषधियों से लाभ भी मिला। वैज्ञानिकों ने घर में प्रयोग में लाई जाने वाली औषधियों की गुणवत्ता पर शोध करके कोरोना में इसके लाभ के बारे में जानने की कोशिश की। इसी क्रम में हाल ही में किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कलौंजी के बीज को कोरोना संक्रमण के इलाज में काफी फायदेमंद होने का दावा किया है।

सिडनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि निगेला के बीज जिन्हें कलौंजी के रूप में जाना जाता है, वह कोविड-19 संक्रमण के इलाज में बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। निगेला सटीवा नाम के पौधे से प्राप्त होने वाली कलौंजी पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका में बहुतायत मात्रा में पाई जाती है। भारत में यह घरों में एक आम मसाले के रूप में प्रयोग में लाया जाता रहा है, कुछ हिस्सों में इस सौंफ के फूल के रूप में भी जाना जाता है।
आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि आखिर कोविड-19 के इलाज में यह किस प्रकार से फायदेमंद है?

कोविड-19 में कलौंजी के फायदे क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल फार्माकोलॉजी एंड फिजियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि मॉडलिंग अध्ययन के आधार पर कलौंजी के कोविड-19 में लाभ के बारे में पता चला है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर कनीज़ फातिमा शाद बताती हैं, मॉडलिंग अध्ययनों से इस बात के प्रमाण मिले हैं कि निगेला सटीवा में पाया जाने वाला एक्टिव कंपाउंड ‘थाइमोक्विनोन’ कोरोनो वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। यह एक्टिव कंपाउंड, वायरस के वायरल लोड को कम करने में भा बेहद सहायक हो सकता है।

शरीर में कोरोना को बढ़ने से रोकने में सहायक
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान पाया कि थाइमोक्विनोन कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन से चिपककर वायरस को फेफड़ों में संक्रमण पैदा करने से रोक सकता है। इतना ही नहीं यह साइटोकाइन स्ट्रोम को रोकने में भी मददगार साबित हो सकता है। कोविड-19 के गंभीर संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों में यह समस्या गंभीर जटिलताओं का कारण बन जाती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह औषधि कोरोना संक्रमण को गंभीर रूप लेने से रोकने में विशेष प्रकार से सहायक साबित हो सकती है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता?
अध्ययन के लेखकों में से एक डॉ विसम सौबरा कहते हैं, शोध के दौरान निगेला सटीवा और कलौंजी में समाहित यौगिकों को कोरोना संक्रमण में विशेष रूप से फायदेमंद पाया गया है। वैसे तो सदियों से इस औषधि को तमाम तरह की समस्याओं के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है, फिलहाल कोरोना संक्रमण को ठीक करने में इसके दिखे लाभ मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए काफी बेहतर माने जा सकते हैं। इस औषधि को लेकर और विस्तार से अध्ययन की आवश्यकता है जिससे कोरोना संक्रमण के उपचार संबंधी इसके सभी पक्षों को जाना जा सके।

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