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बीकानेर. पुलिसकर्मियों के खिलाफ थानों में मामला दर्ज कराने में ही आमजन के पसीने छूट जाते हैं। न्यायालय या उच्चाधिकारियों की दखल के बाद संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कर भी लिया जाता है तो अधिकांश मुकदमों की जांच में नतीजा एफआर ही होता है। बीकानेर रेंज में पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच के नतीजे इसकी बानगी दे रहे हैं। रेंज में पिछले ढाई साल में पुलिस वालों के खिलाफ जानलेवा हमले से लेकर धोखाधड़ी और अपहरण जैसे आरोप के 57 मामले दर्ज हुए हैं। जिसमें से 30 मामलों में एफआर लग चुकी हैं जबकि 10 मामलों की जांच बकाया है। महज सात मामलों में पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। वहीं केसरीसिंहपुर थाने में दर्ज एक मामले में कांस्टेबल चालक को जांच के बाद सेवा से बर्खास्त किया गया है।

पुलिस पर लगे गंभीर आरोप

बीकानेर में धोखाधड़ी,अमानत में खयानत, मारपीट, तोड़फोड़, जानलेवा हमला, अपहरण, आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करना, मानहानि।

श्रीगंगानगर में मारपीट, धोखाधड़ी।

हनुमानगढ़ में दहेज प्रताड़ना,घर में घुसकर मारपीट, धोखाधड़ी।

चूरू में धोखाधड़ी, मारपीट, घर में अनधिकृत रूप से प्रवेश कर मारपीट, लूटपाट, मानहानि एवं अपराधिक प्रवृति के लोगों से सांठगांठ जैसे संगीन आरोप लगे।

आईना दिखाते आंकड़े
बीकानेर : 21 में से 8 मामलों में एफआर। छह मामले पेंडिंग। यहां किसी भी पुलिस कर्मचारी-अधिकारी को 16 सीसीए व 17 सीसीए का नोटिस नहीं मिला।

श्रीगंगानगर : 16 में से दस मामलों में एफआर। तीन मामले लंबित एवं दो को 16 सीसीए का नोटिस।
हनुमानगढ़ : 11 में से 7 में एफआर। एक को 16 और एक को 17 सीसीए का नोटिस।

चूरू : नौ में से चार में एफआर। दो पुलिस कर्मचारियों को 16 सीसीए और एक को 17 सीसीए का नोटिस।

एक्सपर्ट व्यू : पुलिस अनुसंधान के प्रति कम होगा विश्वास

पुलिस के खिलाफ दर्ज कराए गए अधिकतर मामलों में एफआर लगी है। इससे यह संकेत मिलते हैं कि पुलिस अपने कर्मचारियों के पक्ष में अनुचित व कानून से परे जाकर येनकेन बचाने का प्रयास करती है। यही वजह है कि आमजन में पुलिस अनुसंधान के प्रति विश्वास कम हो रहा है।
हरिराम गहलोत, सेवानिवृत्त आरपीएस

अपराधियों से मिलीभगत कतई बर्दाश्त नहीं : आइजी

ऐसा नहीं है कि पुलिस के खिलाफ दर्ज मामलों में पक्षपात किया जाता है। साक्ष्य व सबूतों के आधार पर दोषी पाए जाने पर संबंधित कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। अपराधियों से पुलिस की मिलीभगत किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। अपराधियों के साथ संलिप्प्ता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
ओमप्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज

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