Trending Now




बीकानेर, डॉ. श्याम अग्रवाल शिशु रोग अस्पताल व अनुसंधान केन्द्र की ओर से नन्हें नौनिहालों में अपने शिक्षक के प्रति सम्मान की परम्परा को आजीवन प्रतिष्ठित करने, शिक्षकों द्वारा बच्चों को स्नेह, आत्मीयता के साथ शिक्षित व संस्कारित करने और अभिभावकों में शिक्षकों आदर देने की भावना को विकसित करने के लिए रविवार रात को विश्वकर्मा गेट के अंदर के नृृसिंह सत्संग उद्यान में अनूठा, अपने आप में अनुकरणीय ’’आचार्य देवो भवः अवार्ड.2022 सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

शिवबाड़ी के लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी विर्मशानंद गिरि के सान्निध्य में हुए समारोह में 21 स्कूलों के 21 विद्यार्थियों ने 21 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अपने अभिभावकों व अतिथियों की साक्षी में पुष्पमाला, स्मृति चिन्ह व शॉल से सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त कर शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रफुलित थे वहीं अभिभावक व विद्यार्थी भी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।
स्वामी विमर्श आनंद गिरि ने समारोह में कहा कि समृद्ध सम्मान की परम्परा, उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व गुरु के प्रति आदर भाव की संस्कृति के कारण विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। समय के साथ शिक्षा की परम्पराएं व तौर तरीकों में बदलाव आया है, इससे गुरु व शिष्य के रिश्तों में आत्मीय व सम्मान की भावना की कमी आ रही है। डॉ.श्याम अग्रवाल ने चिकित्सीय पेशे से अलग हटकर सामाजिक सरोकार को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को उनके शिष्यों अभिभावकों से सम्मानित कराने की पहल कर बच्चों में शिक्षा व शिक्षक की पुरातन परम्परा व संस्कृति को प्रगाढ़ करने का अनुकरणीय कार्य किया है। डॉ.श्याम अग्रवाल ने आयोजन को महत्व उजागर किया।
अतिथि के रूप् में पंडित दीन दयाल उपाध्याय शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र के निदेशक अविनाश जोशी ने कहा कि शिक्षक-शिक्षिकाएं पूर्ण प्रशिक्षित होकर विद्यार्थियों को अध्यापन करवावें । शिक्षको के अपने कर्तव्य, निष्ठा व ईमानदारी से शिक्षा देने की परम्परा से दूर होने आने वाली पीढ़ी खराब हो सकती है। बच्चों के शिक्षण कार्य में किसी तरह का आलस्य व प्रमाद नहीं रखे। सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय के सहायक निदेशक हरि शंकर आचार्य, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.कुलदीप बिट्टू, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ.मेघनाशर्मा, पेपा के गिरिराज खैरीवाल, लेखिका ऋतु शर्मा, कवि व साहित्यकार विशन मतवाल, आई.टी. एक्सपर्ट राजूसिंह, मोहित करनानी, उद्घोषक व वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक ज्योति प्रकाश रंगा, महाराजा गंगा सिंह विश्व विद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ.मेघना शर्मा व बी.बी.एस.स्कूल की शिक्षिका रहनुमा ने अपने भाव व विचारों से कार्यक्रम को प्रेरणादायक बताया। अतिथियों का भी स्मृति चिन्ह से व बच्चों का रिटर्न उपहार से अभिनंदन किया गया।

Author