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बीकानेर राजस्थान हाईकोर्ट ने जन्मतिथि में विसंगति के आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार करने को अनुचित माना है।  हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने सही जन्मतिथि के साथ याचिकाकर्ता को पासपोर्ट जारी करने के आदेश दिए हैं।
बीकानेर निवासी याकूब अली की ओर से अधिवक्ता रजाक खान हैदर ने रिट याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि वर्ष 1993 में जारी याचिकाकर्ता के पासपोर्ट में भूलवश गलत जन्मतिथि 15.03.1973 अंकित हो गई थी। वर्ष 2004 में नवीनीकरण के लिए उसने सही जन्मतिथि 07.03.1977 के साथ आवेदन किया, लेकिन पासपोर्ट कार्यालय ने पहले से दर्ज गलत जन्मतिथि के साथ ही नवीनीकृत पासपोर्ट जारी कर दिया। वर्ष 2017 में उसने फिर नवीनीकरण के लिए सही जन्मतिथि 07.03.1977 के साथ आवेदन किया तो पासपोर्ट कार्यालय ने जन्मतिथि में विसंगति के कारण आवेदन रद्द कर दिया। याचिकाकर्ता की माध्यमिक परीक्षा अंकतालिका, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, भामाशाह कार्ड, स्कूल रिकॉर्ड आदि सभी दस्तावेज में सही जन्मतिथि 07.03.1977 अंकित है।  पासपोर्ट कार्यालय ने पुलिस अधीक्षक बीकानेर कार्यालय से इस बारे में जांच रिपोर्ट भी मांगी थी, जिसके अनुसरण में पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने जांच के बाद प्रस्तुत रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि आवेदक की सही जन्मतिथि 07.03.1977 है और पूर्व में भूलवश जन्मतिथि 15.03.1973 लिखवा दी गई थी। आवेदक ने इस बाबत शपथ-पत्र भी पेश किया है। इसके जवाब में भारत संघ और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय की ओर से कहा गया कि आवेदक ने 11 वर्षों बाद त्रुटि सुधारने के लिए आवेदन किया है। इसलिए अब सुधार नहीं किया जा सकता। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद जस्टिस माथुर ने कहा कि पासपोर्ट की प्रविष्टियों में सुधार के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है और पुलिस अधीक्षक की जांच रिपोर्ट संतोषजनक है। इसलिए आवेदक को पासपोर्ट से वंचित करना उचित नहीं है। इसलिए याचिका मंजूर करते हुए आदेश दिया जाता है कि क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी आवेदक को सही जन्मतिथि के साथ नवीनीकृत पासपोर्ट जारी करें।

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