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बीकानेर,नयाशहर थाना क्षेत्र से हनीट्रैप का गंभीर मामला सामने आया है। मामला जस्सूसर गेट निवासी व्यक्ति से जुड़ा है। थाने के बार बार चक्कर काटने पर भी मदद ना मिलने के बाद अब पीड़ित पुरुष ने आरोपिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के लिए कोर्ट की शरण ली है। कोर्ट ने तीन दिन पहले नयाशहर पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं, हालांकि पुलिस द्वारा अब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

ये बताया जा रहा मामला: जस्सूसर गेट निवासी पीड़ित ने बताया है कि नयाशहर थाना क्षेत्र निवासी तलाकशुदा महिला ने उसे प्रेमजाल में फांस लिया था। बाद में वह उसे ब्लैकमेल करने लगी। उस पर लिव इन में रहने का दबाव बनाया गया। मना करने पर मुकदमें में फंसाने की धमकियां दी जाने लगी। आख़िर मजबूरीवश वह नयाशहर थाना क्षेत्र में ही एक मकान किराए लेकर आरोपिता के साथ लिव इन में रहने लगा। इसके बाद उसने खुद का मकान भी खरीद लिया। अब आरोपिता मकान अपने नाम करवाने के लिए दबाव बनाने लगी। आरोप है कि महिला ने मकान नाम करवाने के लिए बलात्कार का मुकदमा करवाने की धमकियां देना शुरू कर दिया। इस कार्य में उसके माता पिता व एक अन्य के शामिल होने का भी आरोप है। परिवादी के अनुसार उसके साथ कई खेल खेले गए। 15 जनवरी 2022 को उसके साथ मारपीट की गई। मारपीट में सभी आरोपी शामिल थे। फिर उसे ट्रोमा में भर्ती करवाकर इलाज करवाया गया। पीड़ित के परिजनों से कहा गया कि उसका एक्सीडेंट हो गया था। दूसरी तरफ पीड़ित को मुंह बंद रखने की धमकी दी गई। कहा कि मुंह खोला तो बलात्कार का मुकदमा करवा देंगे। हनी ट्रैप के इस गंदे खेल में आगे 10 मार्च को परिवादी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा करवाया गया। परिवादी का कहना है कि दुष्कर्म का मुकदमा बिल्कुल झूठा था। उसे बिना अपराध के लिए न्यायिक अभिरक्षा के तहत जेल जाना पड़ा। जेल से आने के बाद वह बीमार था। ठीक हुआ तो 18 अगस्त 2022 को नयाशहर थाने में स्वयं प्रस्तुत होकर प्रार्थना पत्र दिया। मगर पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। बाद में रजिस्टर्ड डाक से भी परिवाद भेजा गया मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस पर मिलीभगत का भी आरोप है। परिवादी का कहना है कि 3 जनवरी 2018 को उसकी पत्नी ने नयाशहर थाने में आरोपिता की शिकायत की थी। मगर पुलिस ने एक्शन लेने की बजाय राजीनामा करवा दिया। परिवादी का कहना है कि आरोपिता ने उसे व उसके पिता को कई बार फोन पर भी धमकी दी। कहा कि मकान उसके नाम करवाओ और दस लाख की एफडी करवाओ वरना परिणाम अच्छे नहीं होंगे। हनीट्रैप के इस मामले की रिकॉर्डिंग व अन्य सबूत होने का भी दावा किया जा रहा है।परिवादी के अधिवक्ता मुकेश आचार्य ने बताया कि कोर्ट का आदेश तीन दिन पहले ही नयाशहर पुलिस थाने पहुंच चुका था, इसके बावजूद अब तक मुकदमा दर्ज ना करना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।

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