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जोधपुर में अमेरिकन ब्रीड की गाय रखने वालों पशुपालकों की कमर लंपी ने तोड़कर रख दी है. वजह है इन अमेरिकन गायों की कीमत. अमेरिकन गायोंं की कीमत 1 लाख रुपए है. पिछले दो माह में ऐसी करीब 300 गायों की लंपी से मौत हो चुकी (American breed cows death in Jodhpur) है.हालांकि इन पशुपाालकों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. आर्थिक नुकसान की भरपाई करना इनक बूते में नहीं है.

जोधपुर. लंपी स्कीन डिजीज से गायों की मौत का सिलसिला अभी रूका नहीं है. गायों के मरने से पशुपालकों को बेजा आर्थिक नुकसान हो रहा (financial loss due to death of cows) है. खासतौर से ऐसे शहरी पशुपालक ज्यादा आर्थिक नुकसान में हैं, जो अमेरिकन गाय पालते हैं. शहर की मिल्कमैन कॉलोनी में बड़ी संख्या में ऐसे तबेले हैं, जहां अमेरिकन गाय का पालन होता है. यहां विगत दो माह में हर तबेले में गाय की मौत हुई है. एक अमेरिकन गाय की कीमत एक लाख रुपए है, जो प्रतिदिन 20 से 25 लीटर दूध देती है.

ऐसे में पशुपालकों को दोहरी मार पड़ रही है. दूध की कमी के साथ-साथ गाय की भी कमी हो गई है. अब तक करीब 70 बाड़ों में 300 से ज्यादा अमरीकन गायों की लंपी से मौत हो चुकी है. जोधपुर में डेयरी के दूध से ज्यादा लोग खुला दूध लेना पसंद करते हैं, जिसकी ज्यादातर आपूर्ति स्‍थानीय पशुपालक ही करते हैं. इसके लिए जगह-जगह पर दूध के चोहटे लगते हैं. जहां प्रतिदिन सुबह शाम के दूध के अलग-अलग भाव तय होते हैं.

लंपी से अमेरिकन ब्रीड की गायों की मौत से क्‍यों संकट में हैं पशुपालकमिठाई निर्माता भी चोहटै का दूध लेते हैं. पशुपालक उनको सीधी आपूति करते हैं. लेकिन लगातार हो रही गायों की मौत से दुग्ध उत्पादन 40 फीसदी कम हो गया है. इस तरह प्रतिदिन 20 हजार लीटर दूध की कमी हो गई है. हालांकि अभी लोग दूध का उपयोग भी सीमित कर रहे हैं. इसके बावजूद प्रति लीटर दूध के भाव 60 से 70 रुपए पहुंच गए हैं. यह हालत शहर के है, गांव में इससे बुरे हाल हैं. गायों की मौत के चलते जोधपुर की सरकारी डेयरी में प्रतिदिन दूध की आवक 45000 लीटर कम हो गई हैअनुदान की मांग: धनजी पशुपालक के घर 8 गायों का तबेला था. प्रतिदिन 150 से 200 लीटर दूध की आपूर्ति करते थे. लेकिन उनकी 6 गायों की मौत लंपी के चलते हो गई. इससे उनके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई. उनके बेटे रमेश ने बताया कि दूध की कमी तो हुई, लेकिन नई गाय खरीदने के लिए लाखों रुपए चाहिए. वह कहां से लाएं?. सरकार को चाहिए कि पशुपालकों को अनुदान दे. पशुपालक मूली बाई के बाडे़ में 7 गायों की मौत हुई. वे बताती हैं कि प्रतिदिन 150 लीटर तक का दूध कम हो गया. गायों के लिए 3 लाख रुपए का कर्जा किया है. गायों का चारा व अन्य खादय सामग्री भी बहुत महंगी हो गई है. कोई सहायता नहीं मिली है.

18 गायों की मौत: पशुपालक नितेश बोराणा के यहां 18 गायों की मौत बीते एक माह में हो गई. इससे प्रतिदिन 300 से 350 लीटर दूध का काम बंद हो गया. इससे प्रतिदिन दूध से होने वाली आमदनी का नुकसान ही 10 हजार के पार है. इसके अलावा 18 गाय खरीदने के लिए कम से कम 18 लाख रुपए चाहिए. नितेश बताते हैं कि उनका दूध सीधे मिठाई निर्माता को जाता था. लेकिन अब परेशानी हो गई है, जो गाय बची है वे ठीक हो रही हैं. लेकिन उनकी दूध देने की क्षमता आधी से भी कम हो गई है. इसी तरह से विनोद भाटी ने बताया कि उसके यहां तीन गाय की मौत से प्रतिदिन 56 से 60 लीटर दूध की कमी हुई है.आज तक कोई सुध लेने नहीं आया: पशुपालकों का कहना है कि आए दिन गाय की मौत हो रही है. लेकिन पशुपालन विभाग से कोई सुध लेने नहीं आया. अलबत्ता शव भी उन्हें ही निस्तारण के लिए भेजने पड़ते हैं. बड़ी संख्या में पशुपालक होने के बावजूद विभाग की ओर से किसी तरह की जागरूकता या बचाव के उपचार की जानकारी देने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए. ना ही किसी तरह की दवाई का वितरण हुआ सब अपने स्तर पर ही उपचार कर रहे हैं.

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