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बीकानेर,  जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने शुक्रवार को राजकीय डूंगर महाविद्यालय में स्थापित देव जसनाथ पारिवारिक वानिकी जन पौधशाला का अवलोकन किया। उन्होंने पौधशाला से मोमासर ग्राम पंचायत के लिए निःशुल्क भेजे जाने वाले सहजन फली के एक हजार पौधांे के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर जिला कलक्टर ने कहा कि सहजन का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। सहजन में एंटीफंगल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसमें कैल्शियम, विटामिन, आयरन, डाइटरी फाइबर, प्रोटीन, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट और जिंक प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पौधशाला द्वारा भेजे जा रहे शत-प्रतिशत पौधे लगाए जाएं तथा इनकी नियमित देखभाल सुनिश्चित की जाए।
जिला कलक्टर ने कहा कि सहजन की फली, पत्तियां और तना सहित पौधे का प्रत्येक भाग उपयोगी है। इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों के निर्माण एवं विक्रय की अपार संभावनाएं हैं। इस दिशा में भी सतत प्रयास किए जाएं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के नवाचार शक्ति अभियान के तहत किचन गार्डन में सहजन के पौधे प्राथमिकता से लगाए जा रहे हैं। बेटी के जन्म पर सहजन फली का पौधा प्रत्येक माता को दिया जा रहा है। इसी क्रम में राजकीय डूंगर कॉलेज की जन पौधशाला द्वारा मरूस्थलीय महत्व के पौधारोपण के साथ सहजन पौधरोपण का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने पर्यावरणविद् डॉ. श्याम सुंदर ज्याणी के प्रयासों को सराहा।
डॉ. ज्याणी ने बताया कि विद्यार्थियों की भागीदारी से महाविद्यालय परिसर में 6 हेक्टेयर भूमि पर गांधी संस्थागत वन विकसित किया गया है। इसमें 90 से अधिक किस्मों के तीन हजार पेड़, मरुस्थली घास की विभिन्न क़िस्में लगाई गई है। घर -घर सहजन मुहिम के तहत अब तक प्रदेश भर में 25 लाख सहजन रोपित करवाए जा चुके हैं।
इस अवसर पर उप वन संरक्षक रंगास्वामी ई., उप वन संरक्षक इकबाल सिंह, सुनील गौड़, सहायक वन संरक्षक कपिल चौधरी, राजकीय डूंगर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह, देव जसनाथ संस्थागत वन मंडल कार्यकारिणी सदस्य व सिद्ध युवा महासभा अध्यक्ष भगवान नाथ कलवाणिया, एनसीसी अधिकारी देवेश सहारण, विंसम एड्यूवर्ड के सुभाष गोदारा आदि मौजूद रहे।

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