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बीकानेर.सीमावर्ती के साथ सामरिक महत्व का क्षेत्र होने के बावजूद जिले में बाहर से आकर रहने वालों पर पुलिस निगरानी नहीं रख रही है। तीस से 40 हजार बाहरी कामगार यहां निवास कर रहे हैं। उन्हीं की आड़ में कभी आतंकवादी छिपने के लिए, तो कभी हार्डकोर अपराधी फरारी काटने के लिए बीकानेर आने लगे हैं। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की नजर से बचकर यहां कुछ समय रहकर निकल जाते हैं। किराएदारों और बाहरी कामगारों के पुलिस वेरीफिकेशन व्यवस्था की शत-प्रतिशत पालना नहीं होने से अपराधियों के लिए यह इलाका सुरक्षित पनाहगार बन गया है।
…इसलिए कह रहे सुरक्षित पनाहगाह

पुलिस का मुखबिरी और खुफिया तंत्र भी कमजोर है। तभी प्रदेश का कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह, 007 गैंग का अशोक बिश्नोई, अंकित गोदारा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल को मारने की साजिश रचने वाला जरमनसिंह सहित कई हार्डकोर बीकानेर में रहने में सफल हुए। ताजा मामला जलालाबाद बमकांड के आरोपी गुरुचरण सिंह उर्फ चन्ना का है। चन्ना चार महीने से बीकानेर में रह रहा था। जिले के धार्मिक स्थल भी ऐसे अपराधियों को छिपने में मददगार साबित हो रहे हैं।
खतरे की घंटी बाहरी श्रमिक

पुलिस के एक वरिष्ठ सेवानिवृत अधिकारी ने बताया कि बाहरी श्रमिकों का बीकानेर में आकर रहना खतरे की घंटी है। इनका कोई रिकॉर्ड न मालिक के पास होता है और न ही पुलिस के पास। ऐसे में किसी दिन बड़ी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं, तो पकड़ पाना मुश्किल होगा। गत वर्षों में बीकानेर के गंगाशहर में वृद्धा की हत्या, कोतवाली थाना क्षेत्र के रांगड़ी चौक में लूट व हत्याकांड, नोखा फैक्ट्री मालिक की हत्या कर जेवर व नकदी ले जाने की वारदातें हुईं। इससे पुलिस व जिला प्रशासन को सबक लेना चाहिए।
जिले पर नजर

– पीओपी फैक्ट्रियां 250
– दाल मील 75

– तेल मील 15
– गोटा मील 150

– भूजिया कारखाना 38
– पापड़ के कारखाने 250

– रसगुल्ला 25
– गम मिल 10

– ढाबे-होटल, रिसॉर्ट 3000 से 3500 अधिक
– मजदूर व नौकर 50000 से 55000

– वेरिफकेशन 34000 से 35000 का
– जिले में 20 हजार से अधिक बिना वेरिफकेशन रह रहे मजदूर

पुलिस के आंकड़े
– साल 2019 में वेरिफिकेशन के लिए आवेदन आए 10, 851

– 8321 के खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं पाया

– 311 के खिलाफ प्रकरण दर्ज पाया गया
– 2219 आवेदन रिजेक्ट हुए

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– 2020 में 13 हजार 214 आवेदन आए

– 10261 के खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं मिला
– 326 के खिलाफ प्रकरण दर्ज पाया गया

– 2627 आवेदन रिजेक्ट हुए
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– 2021 में 11 हजार 943 आवेदन आए
– 9689 के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं पाया गया

– 376 के खिलाफ प्रकरण दर्ज पाया गया
– 1878 आवेदन रिजेक्ट हुए

– 2022 11 हजार 595 आवेदन आए (अगस्त तक)
– 9100 के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं मिला

– 301 के खिलाफ प्रकरण दर्ज पाया गया
– 1787 आवेदन रिजेक्ट हुए

इनका कहना है….
घरों-दुकानों में नौकर व कारखानों-फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों एवं किराएदारों का वेरिफिकेशन कराना चाहिए । वेरिफिकेशन खुद के लिए सुरक्षित है। वेरिफिकेशन होने से बदमाशों को चिन्हित कर वारदात होने से रोकी जा सकती है। आमजन को इसमें पुलिस का सहयोग करना चाहिए। योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

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