बीकानेर,मौसमी बीमारियों और डेंगू प्रकोप के बीच बीकानेर के चिकित्सा जगत की चौंकानी वाली खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार बीकानेर में पीबीएम होस्पीटल के आस पास,सादुल कॉलोनी,सादुल गंज और पवनपुरी में ऐसी कई पैथोलॉजी लैब चल रही है जो फर्जी श्रेणी में आती है। यह पैथोलॉजी लैब ऐसे ऐसे डॉक्टर के नाम पर रजिस्टर्ड है जो यहां रहते तक नहीं है। उन लैबों में नौसिखिए खून निकाल रहे हैं। जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट भी बनाकर दे दे रहे हैं। इतना ही नहीं उस रिपोर्ट पर किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर ले लेते हैं। ये डॉक्टर कौन होता है कोई नहीं जानता। सभी की रिपोर्ट में किसी न किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर रहता है। यह खेल अभी से नहीं बल्कि लंबे समय से चल रहा है। जबकि ऐसे कई जांच हैं जो सिर्फ पैथोलॉजी ही कर सकते हैं । जबकि एमसीआई के अनुसार वहीं लेबोरेट्री रिपोर्ट मान्य है, जिस पर रजिस्टर्ड पोस्ट ग्रेजुएट पैथोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर हो । जानकारी में रहे कि 2010 में गुजरात हाइकोर्ट ने आदेश दिया था कि सिर्फ एमडी पैथोलॉजिस्ट ही जांच रिपोर्ट साइन कर सकते हैं । इस आदेश को चुनौती देते हुए गुजरात के पैरा मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई । 12 दिसंबर 2017 को यह याचिका खारिज कर दी गई । कोर्ट ने पैथ लैब के बारे में एमसीआई के तय प्रावधान को सही माना । साथ ही कहा कि डॉक्टर यदि पैथोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर के बगैर किसी की जांच रिपोर्ट स्वीकार करते हैं तो वे भी दोषी होंगे । इसके बावजूद बीकानेर शहर की नीजि लेबोरेट्रीज में अधिकांश पर पैथोलॉजी विशेषज्ञ नियुक्त नहीं है । कई जगह तो विशेषज्ञ टेक्निशियन भी नहीं है । खास यह है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास जांच केंद्रों का ब्यौरा तक नहीं है । ऐसे में नियम के विरुद्ध संचालित केंद्रों पर बीमारियों की मनमानी रिपोर्ट दी जा रही है ।
वसूलते है मनमानी रेट
इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि डॉक्टरों के क्लीनिक व नर्सिंग होम के आसपास कुकुरमुत्ते की तरह उपजे पैथोलॉजी लैबों में जहां एक तरफ मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ होता है और चिकित्सीय जांच रिपोर्ट के नाम पर मनमानी ओवररेट वसूली हो रही है। पता चला है कि शहर में पांच सौ से अधिक पैथोलॉजी लैब संचालित हो रहे हैं। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास इन पैथोलॉज्ी लैबों का रिकार्ड नहीं है। इनमें ज्यादात्तर पैथोलॉजी लैब ना सिर्फ अनरजिस्टर्ड है बल्कि लैब टेक्नीशियनों द्वारा ही चलाए जा रहे हैं। ऐसे पैथोलॉजी लैब फर्जी तरीके से संचालित हो रही है। जिले में ऐसे पैथोलॉजी लैबों की संख्या काफी अधिक हैं। केवल पीबीएम होस्पीटल रोड़ में ही दर्जनों ऐसे लैब संचालित हैं जो रजिस्टर्ड नहीं है। चिकित्सा जगत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस मामले गंभीरता से जांच की जाये फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्टो की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आ सकती है।