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बीकानेर,संभागीय आयुक्त डा. नीरज के. पवन साहब आपकी पहल पर पी बी एम अस्पताल के ट्रोमा, मेडिसिन, पीडियाट्रिक, कार्डियो व जनाना अस्पताल में शिकायत पुस्तिकाएं रखी गई है। इसमें अस्पताल में भर्ती रोगियों और उनके तीमारदार, अस्पताल के आउट डोर में दिखाने आने वाले रोगी अपनी कोई शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। यह जनहित में सराहनीय कदम है। परिणाम क्या रहेगा ? इससे व्यवस्था कितनी बेहतर हो सकेगी यह दीगर बात है। बिना शिकायती पुस्तिका में इंद्राज के एक बड़ी शिकायत गंगा शहर सेटेलाइट अस्पताल की है। गंगाशहर इलाके में सेटेलाइट अस्पताल है। इस अस्पताल का भवन दानदाताओं के सहयोग से बना है। अस्पताल में स्वीकृत एस आर मेडिसन और एस आर सर्जन के पद के विरुद्ध दो नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पद स्थापित किए गए हैं। यहां नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पहले से पद स्थापित है। नेत्र रोग के तीन डाक्टर हैं जबकि जरूरत मेडिसन और सर्जन की है जो एक भी नहीं है। चार गार्ड लगाने के आर्डर निकले हुए हैं। गार्ड आए नहीं है। महिला रोग विशेषज्ञ का पद स्वीकृत है। हड्डी रोग विशेषज्ञ का पद भी स्वीकृत है । इन संकायो के डाक्टर नहीं है। उपनगरीय क्षेत्र में एक मात्र अस्पताल हैं जिसमें विधानसभा पूर्व व पश्चिमी के ढाई लाख से ज्यादा आबादी स्वास्थ्य सेवाएं लेती है। दो नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टरों को हटाकर स्वीकृत मेडिसन और सर्जन डॉक्टर को लगाएं। बाकी स्वीकृत पद जनहित में भर दें दो रोगियों को सुविधा होगी। संभागीय आयुक्त महोदय आप सुन सकते हो। कम से कम मुस्कान तो देते ही हो। इसलिए आपको बताया है। बिना शिकायत पुस्तिका की इस शिकायत क्या मायने हैं ? आप ही समझ सकते हो। बीमार लोग कितनी तकलीफ पाते हैं। सब की संवेदना मर गई है। भाजपा के जिला महामंत्री मोहन सुराणा को ध्यान दिलाया। कांग्रेस के कन्हैया लाल झंवर , गंगाशहर के भोमिया बंशी लाल तंवर ये सब इस मामले में विफल नेता ही साबित हुए है। जनता की पीड़ा से ज्यादा लेना देना नहीं है। सच में बिना डाक्टर के जनता को परेशानी है।
पी बी एम आने वाले बीमारों और सेटेलाइट गंगाशहर आने वाले बीमारो की चमड़ी और खून एक जैसा ही है। इनका कष्ट भी एक जैसा ही है। कष्ट मिटाओ ना आयुक्त महोदय।

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