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बीकानेर,27 अगस्त को रामदेवरा जाने का बोल कर घर से निकले युवक को परिजनों से मिलवाया, भाजपा जिला उपाध्यक्ष और बीपीएचओ प्रदेश संयोजक एडवोकेट अशोक प्रजापत बोबरवाल, सीआई सुरेंद्र प्रजापत की सहायता से जोधपुर के शेरगढ़ से 4 किलोमीटर आगे मिला मनीष मंगलाव।
लगभग 1 माह पूर्व अपने घर से बिना बताए निकला युवक मनीष मंगलाव को आज भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश संयोजक और भाजपा जिला उपाध्यक्ष एडवोकेट अशोक प्रजापत की सहायता से जोधपुर के शेरगढ़ से दस्तयाब कर लिया गया है मनीष मंगलाव के बड़े भाई लक्ष्मण मंगलाव उर्फ चीकू बना लगातार प्रयासरत हैं जब लक्ष्मण ने आज सुबह यह बात बी पी एच ओ प्रदेश संयोजक एडवोकेट अशोक प्रजापत को बताइ तो उन्होंने पूरे राजस्थान की बी पी एच ओ टीम को मनीष मंगलाव की फोटो भेज कर सक्रिय किया और लक्ष्मण मंगलाव और अपने नंबर सबके पास भेजें बी पी एच ओ जोधपुर के सदस्यों ने लक्ष्मण मंगलाव और अशोक बबेरवाल के फोन पर कॉल करके कहा कि इस हुलिए का आदमी शेरगढ़ के रामदेव जी मंदिर के आसपास देखे गया है तो तुरंत प्रभाव से पुलिस निरीक्षक पूर्व महिला थाना अधिकारी सुरेंद्र प्रजापत से संपर्क कर उन्होंने किया सुरेंद्र प्रजापत ने मामले की गंभीरता को समझते हुवे तुरंत शेरगढ़ थाने के हेड कांस्टेबल बाबू सिंह से संपर्क किया बाबू सिंह ने शेरगढ़ के रामदेव जी मंदिर के आसपास युवक की खोज की किंतु वह नहीं मिला फिर उन्होंने आसपास ढूंढना शुरू किया तो शेरगढ़ से 4 किलोमीटर की दूरी पर मनीष मंगलाव को दस्तयाब कर लिया गया युवक के पिता सुरजाराम भाई किशन लाल मामा श्रवण कुमार एवं परिवार के सदस्यों ने शेरगढ़ पहुंचकर मनीष को देखा तो उनके खुशी के आंसू रुक नही सके ।
तथा सब ने दौड़कर मनीष को गले से लगा लिया और सबके आंसू फूट पड़े, पूरे परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई लक्ष्मण ने कहना था कि एक बार तो परिवार ने आश ही छोड़ दी थी लेकिन भगवान पर विश्वास था रुणिचे बाबा का मेला में भी मनीष को रामदेवरा के आसपास ढूंढा गया परंतु सफलता नहीं मिली।
मनीष के पिता सुरजा राम ने ईश्वर की कृपा और बीपीएचओ कि राजस्थान टीम अशोक प्रजापत बोबरवाल, सी आई सुरेंद्र प्रजापत और उनके पूरे जिले की टीम का हृदय की गहराइयों से धन्यवाद ज्ञापित किया।
भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के बीकानेर के सहायता टीम में बीपीएचओ (BPHO)के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष किशन सांवल, जिलाध्यक्ष त्रिलोकचंद गैदर, अर्जुन कुमावत, श्रवण कुमार, आशु राम बोबरवाल, भंवरलाल नागा, डॉक्टर श्रवण वर्मा आदि ने सहयोगी भूमिका निभाई।

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