बीकानेर,देश में पूर्व प्राथमिक शिक्षा से लेकर विदेशी शिक्षा की नीवं को मजबूत करने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का गठन किया गया है जिससे उदारीकरण, समावेशीकरण, निजी-सरकारी सहभागिता तथा एकिकृत पाठ्यक्रम को सारगर्भित बनाने हेतु जो कदम उठाया गया है, मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि इससे हमारी शिक्षा नीति में बौद्धिक परिवर्तन को आधार प्रदान होगा। प्रो. एम. एल. मांडोत ने श्री जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय नोखा, में शिक्षक-शिक्षा के विशेष संदर्भ में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित वेबिनार में कहा कि नई शिक्षा नीति निश्चित ही आत्मज्ञान स्वायत्तता व्यावसायिक क्षमता एवं रोजगार प्रदान करने वाली होगी। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र श्रीमाली ने शिक्षक-शिक्षा के संदर्भ में प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 2030 के पश्चात शिक्षक-शिक्षा एकिकृत पाठ्यक्रम का रूप ले लेगी। इस हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या शिक्षक-शिक्षा रूपरेखा- 2021 देश मे लागू होगा। वेबिनार में 3 तकनीकी सत्र अयोजित हुए जिसमें क्रमशः व्याख्याता तरुण चौधरी, कौशल कुमार भोजक, पुस्तकालय अध्यक्ष भवानी सिंह पंवार ने संबोधित किया। वेबिनार की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष ईश्वर चंद बैद ने की तथा संचालन व्याख्याता संदीप भाटी एवं श्रीमती उषा जोशी ने किया तथा अंत में प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र श्रीमाली ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में 90 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया तथा उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर मुख्य वक्ता ने दिए।
डॉ. राजेन्द्र श्रीमाली
वेबिनार संयोजक एवं प्राचार्य