बीकानेर,कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर चुनावी कार्यक्रम जारी हो गया है लेकिन राजनीतिक गलियारों में लगातार अटकलों का दौर जारी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हाल में पार्टी की कमान संभालने से साफ इनकार करने के बाद अब एक बार फिर कांग्रेस के नए मुखिया को लेकर सस्पेंस गहरा हो गया है.सियासी गलियारों में हर दिन किसी एक नए नाम पर चर्चा हो रही है हालांकि कांग्रेस में एक बड़ा धड़ा यही चाहता है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के लिए राजी किया जाए लेकिन राहुल गांधी के कमान नहीं संभालने की स्थिति में सूईयां राजस्थान की तरफ टिक जाती है.
मीडिया रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि राहुल गांधी के मना करने के बाद कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जिम्मेदारी उठाने की अपील की है. मालूम हो कि राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि मैंने अपना फैसला ले लिया है और मुझे क्या करना है, इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है.
गहलोत का कहना है कि अगर सोनिया गांधी चाहेंगी तो वह अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं. वहीं कांग्रेस नेताओं की तरफ से गहलोत को यह आश्वासन दिया गया है कि आलाकमान की तरफ से उन्हें अध्यक्ष के साथ कुछ महीनों के लिए राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाए रखा जाएगा और भविष्य में राज्य नेतृत्व बदलने में उनकी राय को प्रमुखता से सुना जाएगा.
गांधी परिवार के भरोसेमंद हैं गहलोत
बता दें कि राजनीति में अशोक गहलोत को हमेशा से ही गांधी परिवार के भरोसेमंद नेता के रूप में जाना जाता है. गहलोत हमेशा से कहते रहे हैं कि आलाकमान का जो आदेश होता है वह उसके मुताबिक काम करते हैं. हालांकि गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा के बाद वह लगातार कह रहे हैं कि पार्टी उन्हें जो काम देगी वह उसे पूरा करेंगे लेकिन इसके साथ ही वह राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग भी लगातार दोहरा रहे हैं.
वहीं बीते 23 अगस्त को अशोक गहलोत और सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि सोनिया ने गहलोत को अध्यक्ष बनने के लिए कहा है लेकिन सूत्रों से जानकारी मिली है कि सोनिया ने फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर गहलोत से चर्चा नहीं की है.
सचिन पायलट ने साधी चुप्पी !
गौरतलब है कि गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ ही राजस्थान में भी नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं जोरों है और सचिन पायलट खेमे के नेता उन्हें सीएम बनाने की मांग उठा रहे हैं. हालांकि पायलट ने गहलोत के अध्यक्ष बनने को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है और चुप्पी साध रखी है. बीते दिनों जयपुर में पायलट ने कहा था कि राजनीति में जो दिखता है वह होता नहीं, और जो नहीं दिखता है वह हो जाता है.