बीकानेर,मोहता चौक संस्कृति पाटा आयुर्वेदिक लड्डू करीब एक माह से गौ माता गौवंश को दिया जा रहा है और आयुर्वेदिक लापसी करीब 16 दिन से गौ माता के लिए रोज 5 क्विंटल बनाई जा रही है जन सहयोग से गौ भक्तों द्वारा खिलाइ जा रही हैं
1.जिस गाय में इस रोग के लक्षण दिखते हैं , रोगी गाय को अन्य गायों से काफी दूर अलग बांधें ।
2.गाय के ऊपले , छाणे जलाकर उसमें गूगल व असली कपूर का चूरा डाल , गायों के बीच में गहरा धुंआ करें । सुबह – शाम जरूर करें ।
3.50 लीटर पानी में नीम पत्ती व हल्दी को उबाल कर छान लें , 250 ग्राम फिटकरी मिला , इस घोल से छिड़काव करे।
4.देशी गाय का घी 100 ग्राम , काली मिर्च 50 ग्राम , हल्दी 50 ग्राम , बूरा शक्कर 50/100 ग्राम सभी साबुत सामग्री को पीस कर घी में मिला गाय को खिलायें।
छोटे गौ वंश को आधा जो गौ माता ग्याभणी है उनकों भी आधा खिलाएं।
5.गायों के बीच गूगल आदि धुंआ पुर्णिमा , अमावस्या , बारस को जरूर करें , जिससे अन्य मच्छर , वायरस से रोग लगने से बचाव रहेगा ।
जिस गाय व गौवंश के यह लम्पी रोग हो गया था , रोगी गाय को चार दिन यह उपचार दिया और बिल्कुल स्वस्थ हो गई । गाय दो दिन में चाटा – बांटा खाने लग गई । चौथे दिन से चारा चरने लग गई । यह उपचार , इलाज 5-7 दिन करते रहे ।