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बीकानेर.राज्य के सरकारी स्कूलों में अनामांकित ड्रॉप आउट तथा आउट ऑफ स्कूल के बच्चों को जोड़ने के लिए समय-समय पर प्रवेशोत्सव की तिथियां बढ़ाने के बाद भी आधे बच्चों को ही सरकारी स्कूलों से जोड़ा जा सका है। इन हालात को विभाग ने गंभीरता से लिया है। शिक्षा निदेशक ने जिलेवार सर्वे में बताए गए अनामांकित, ड्रॉप आउट तथा स्कूल से वंचित बताए गए 77 हजार 253 बालक-बालिकाओं को हर हाल में स्कूलों से जोड़ने के निर्देश दिए थे। इसके लिए प्रवेश की तिथियां कई बार बढ़ाई गईं, ताकि इन बालक बालिकाओं को सरकारी स्कूलों से जोड़ा जा सके, लेकिन स्कूलों में प्रवेश की अंतिम तिथि 7 सितंबर 22 के बाद भी शाला दर्पण पोर्टल पर केवल 38 हजार 443 बालक-बालिकाएं जुड़ी दिख रही हैं।

विभाग ने जिलेवार अब तक स्कूलों से जोड़ने से वंचित रहे कुल 38 हजार 810 बालक-बालिकाओं की संख्या जारी करते हुए सभी जिलों के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों तथा ब्लॉक संदर्भ प्रभारियों को तीन दिन में सभी शेष रहे बच्चों को हर हाल में सरकारी स्कूल से जोड़ने के निर्देश दिए हैं साथ ही जो पीईईओ तथा यूसीईईओ द्वारा उनके क्षेत्र के अनामांकित, ड्रॉप आउट तथा स्कूल से वंचित शत-प्रतिशत बालक- बालिकाओं को स्कूल से जोड़ने में असफल रहे कार्मिक के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर निदेशालय भेजने को कहा है

बीकानेर जिले में भी 5 हजार 788 अनामांकित, ड्रॉप आउट बच्चों को सरकारी स्कूलों से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन प्रवेश की अंतिम तिथि 7 सितंबर तक केवल 1834 बच्चों को ही सरकारी स्कूलों दिन में सभी शेष रहे बच्चों को हर से जोड़ा गया है। अभी भी 3954 बच्चों को स्कूलों से जोड़ना बाकी रह गया है। अब इन शेष बच्चों को 3 दिवस में स्कूलों से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। जिन संस्था प्रधानों द्वारा निर्धारित अवधि में शेष रहे शत-प्रतिशत बच्चों को नही जोड़ा जाता हैं तो उनके खिलाफ सीधे ही चार्जशीट तैयार कर निदेशालय को भेजने को कहा गया है।

विभाग द्वारा जिलेवार जारी सूची में स्कूलों में जोड़ने से वंचित बालक बालिकाओं की सबसे अधिक संख्या 6 हजार 269 उदयपुर जिले में रही हैं, जबकि सबसे कम कोटा जिले में 41 बालक-बालिकाएं हैं। उदयपुर जिले में 14 हजार 460 बच्चों को स्कूलों से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया. था, लेकिन सिर्फ 8 हजार 191 बच्चों को ही जोड़ा जा सका है।

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