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बीकानेर, शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए जाने वाले राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित होकर लौटी बीकानेर की बेटी सुनीता गुलाटी का आज रेलवे स्टेशन पर  स्वागत अभिनन्दन किया। कभी अरुणोदय विद्या गंगाशहर की शिक्षिका रहीं सुनीता वर्तमान में बीकानेर के राजकीय मूकबधिर विद्यालय में स्पेशल टीचर हैं। उन्होंने मूकबधिर बच्चों को इस तरह से तैयार किया कि गूंगे बहरे बच्चों ने राष्ट्रीय स्तरीय साइंस कॉम्पिटिशन में तीन अवॉर्ड जीते।

सुनीता 2017 में शिक्षिका के रूप में सरकारी नौकरी में आईं। इसके बाद स्पेशल ट्रेनिंग लेकर मूकबधिर बच्चों को जीवन समर्पित किया। नतीजतन, इस बार जब देश के करीब 42 शिक्षकों को ही राष्ट्रपति अवॉर्ड के लिए चुनना था, तो राजस्थान के दो टीचर्स का नाम चुना गया, जिनमें एक गंगाशहर निवासी सुनीता गुलाटी थीं। वहीं दूसरे उदयपुर के दुर्गाराम गुलाटी। दुर्गाराम ने चार सौ बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाकर स्कूल से जोड़ने का महनीय कार्य किया। बता दें कि दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुनीता को बतौर अवॉर्ड रजत पदक व पचास हजार रूपए का चैक प्रदान किया। राष्ट्रपति अवॉर्ड लेकर लौटी सुनीता का बीकानेर रेलवे स्टेशन पर अरुणोदय विद्या मंदिर के प्रधान रामचंद्र आचार्य, डायरेक्टर अभिषेक आचार्य, प्रिंसिपल मंजू सुरोलिया सहित समस्त शाला स्टाफ ने स्वागत अभिनन्दन किया। रामचंद्र आचार्य ने कहा कि सुनीता गुलाटी ने अपने कार्य से यह उपलब्धि हासिल कर न सिर्फ परिवार व समाज का नाम रोशन किया है बल्कि बीकानेर सहित पूरे राजस्थान का गौरव बढ़ाया है। आचार्य ने कहा कि अरुणोदय विद्या मंदिर के लिए यह गौरव का विषय है कि सुनीता गुलाटी जैसी सेवाभावी व प्रतिभावान बेटी सरकारी नौकरी से पहले उनकी स्कूल की शिक्षिका रहीं।

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