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बीकानेर.जिला व यातायात पुलिस की अनदेखी के चलते शहर में जगह-जगह अवैध बस स्टैंड पनप गए हैं। इससे शहर की यातायात व्यवस्था के साथ-साथ शहर की सूरत भी बिगड़ रही है। जबकि यातायात पुलिस केवल हेलमेट, सीट बेल्ट व तीन सवारी के चालान बनाने में व्यस्त है। नतीजतन बसें खड़ी करने व सवारियां लेने को लेकर रोडवेज व निजी बस संचालकों में आए दिन नोक-झोंक होती रहती है।

यहां-यहां खड़ी होती हैं बसें

श्रीगंगानगर चौराहा, पूगल फांटा, करमीसर फांटा, सांगलपुरा, म्युजियम सर्किल, जैन कॉलेज, नोखा बस स्टैंड, गोगागेट के पास निजी बसें खड़ी होती हैं। यहां पर जिला व यातायात पुलिस की ओर से न तो बस स्टैंड के लिए जगह चिन्हित की हुई है और न ही स्टैंड स्वीकृत हैं। निजी बस चालकों की दबंगई के आगे जिला प्रशासन और यातायात पुलिस नतमस्तक है। हालात यह हैं कि निजी बसें इन जगहों पर घंटों खड़ी रहती हैं, लेकिन रोडवेज की बस को रुकने भी नहीं देते। सवारियां लेने एवं बस खड़ी करने को लेकर अक्सर रोडवेज व निजी बस चालक-परिचालकों में झगड़े होते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि शहर में रोडवेज बस स्टैंड के बाद केवल नोखा रोड पर रोडवेज का बस स्टैंड बना हुआ है, लेकिन वहां पर बाहर निजी बसें खड़ी रहती हैं, इसलिए रोडवेज की बसें बहुत कम अंदर जाती हैं। रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि निजी बसें बाहर से सवारियां ले जाती हैं।
हाइकोर्ट का यह है आदेश
राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्प्लाइज यूनियन एटक बीकानेर शाखा के अध्यक्ष मदन गोपाल बिश्नोई ने बताया कि हाइकोर्ट के आदेशानुसार राेडवेज बस स्टैंड परिसर से करीब दो किलोमीटर दूर निजी बसों को खड़े करने का प्रावधान है, लेकिन बीकानेर में एक हजार मीटर में ही बड़ी संख्या में बसें खड़ी होती हैं। इस मामले को लेकर रोडवेज के चालक और परिचालक कई बार विरोध जता चुके हैं, लेकिन उच्चाधिकारियों की अनदेखी के कारण हाल जस के तस हैं। रोडवेज प्रबंधन से बात करने पर उनका रटा-रटाया जवाब होता है कि परिवहन विभाग को निजी बसों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। परिवहन विभाग को अगवत कराया जा चुका है।

इनका कहना है…
शहर में बस स्टैंड केवल एक ही है। शहर के चौराहों व मुख्य सड़क पर बसों को खड़ा करना गलत है। ऐसा किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चौराहों पर खड़ी होने वाली बसों को हटाया जाएगा। यातायात पुलिस शाखा से इस बारे में बात करूंगा। श्रीगंगानगर सर्किल, पूगल फांटा, म्यूजियम सर्किल सहित अन्य जगहों पर बसें एक-दो मिनट से अधिक ठहरती हैं, तो वहां तैनात यातायात पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए पुलिस अधीक्षक से बात करेंगे।

नीरज के पवन, संभागीय आयुक्त

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