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बीकानेर। जहां धर्म की गंगा बहती है वहां संकट नहीं आता। जब तक धर्म टिका है, धर्म आराधना होती रहेगी तब तक वहां नाश नहीं होगा। उक्त प्रवचन साध्वी अक्षयदर्शना ने मंगलवार को रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में व्यक्त किए। शांत सुधारस ग्रंथ का वाचन करते हुए साध्वी अक्षयदर्शना ने कहा कि नियति में जो होना है वह निश्चित है लेकिन सतत् पुरुषार्थ आपके भाग्य को भी बदल सकता है। जो भाग्य में लिखा है वही होगा यह सोच कर बैठने से बेहतर है पुरुषार्थ करें। साध्वी सौम्यदर्शना ने श्रीकृष्ण-अर्जुन की मित्रता का उदाहरण देते हुए मैत्री संबंध की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि मैत्री का रिश्ता अटूट होता है। आज की संघपूजा का लाभ कोचर फ्रेंड्स क्लब द्वारा लिया गया।

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