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बीकानेर.राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के कर्मचारी पिछले दो महीने से वेतन को तरस रहे हैं। वेतन के अभाव में उनकी आर्थिक हालत खराब है। कर्मचारियों को जुलाई व अगस्त माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। रोडवेज कर्मचारियों की मानें, तो वेतन नहीं मिलने की वजह बजट का अभाव है। रोडवेज को नि:शुल्क यात्रा की पुनर्भरण राशि नहीं मिली है, जिससे वेतन नहीं दिया जा सका है। प्रदेशभर में रोडवेज के 12 हजार 872 कर्मचारी हैं। कर्मचारियों को वेतन व पेंशन के लिए करीब 90 करोड़ रुपए की हर माह जरूरत है।

चार महीनों में कई दिन फ्री में दौड़ी बसें
रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि पिछले चार महीनों में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा, बिजली विभाग में कनिष्ठ अभियंता, ग्रामसेवक, कम्प्यूटर अनुदेशक, कांस्टेबल परीक्षा में प्रतिभागियों को नि:शुल्क यात्रा कराई गई। इसके अलावा रक्षाबंधन पर महिलाओं को नि:शुल्क यात्रा कराई। ऐसे में रोडवेज इन चार महीनों में कई दिनों बिना इनकम सड़कों पर दौड़ती रही। इन यात्राओं की पुनर्भरण की राशि सरकार से मिलने में देरी हो रही है, जिससे कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है।

हर दिन करोड़ों का घाटा

रोडवेज सूत्रों के अनुसार रोडवेज को प्रतिदिन करीब तीन करोड़ रुपए बसों में डीजल पर खर्च करना पड़ता है। नि:शुल्क सवारियां ढोने से रोडवेज की हालत खराब होती जा रही है। रोडवेज पहले से घाटे में है। यात्रीभार कम है, लेकिन नि:शुल्क यात्रा के दौरान बसों में आम आदमी को सीट नहीं मिलती। प्रदेशभर में एक हजार नई बसें मिलें, तो रोडवेज काे जीवनदान मिले। सैकड़ों बसों को मेंटीनेंस की जरूरत है।

वेतन के लिए करेंगे प्रदर्शन
राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में रोडवेज कर्मचारियों ने सोमवार को बैठक की, जिसमें सात सितंबर से पहले वेतन नहीं देने पर विरोध-प्रदर्शन का निर्णय लिया। फैडरेशन के शाखा सचिव ओमप्रकाश सिद्ध ने कहा कि दो-दो माह तक कर्मचारियों को वेतन नहीं देना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। उन्होंने रोडवेज कर्मचारियों से प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की।

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