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बीकानेर,तप औषधि है, तप शस्त्र है, तप ऐसी गंगा है जिसमें डुबकी लगाने से सारे पाप मिट जाते हैं। उक्त विचार साध्वी सौम्यदर्शना ने रविवार को गोगागेट स्थित गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर में आयोजित तपस्वी अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए। साध्वी सौम्यदर्शना ने कहा कि यदि कोई तप धर्म को स्वीकार कर ले तो वह तेजस्वी बन जाता है। साध्वी सौम्यप्रभा की निश्रा में 75 तपस्वियों का सामूहिक बहुमान जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ की ओर तिलक माला व अभिनंदन पत्र देकर तथा चातुर्मासिक आयोजन के मुख्य लाभार्थी मूलचंद पुष्पा देवी सुरेन्द्र जैन बद्धाणी परिवार द्वारा सोने की गिन्नी, चाँदी के सिक्के व श्रीफल से किया गया। संघ अध्यक्ष रिखबचंद सिरोहिया, मंत्री विजय कोचर, विजय बांठिया, सुरेन्द्र बद्धाणी, कमल कोचर, जेठमल कोचर, अजय बैद, प्रकाश कोचर, किशोर कोचर, कमल कोचर, विकास सिरोहिया, राजू बैद, अशोक कोचर, राजेन्द्र कोचर, संजय कोचर, जतन सिरोहिया, पारस कोचर,  जयंतीलाल कोचर तथा सरोज कोचर, पुष्पा देवी, कुसुम बद्धाणी, विनिता सिरोहिया, सुषमा कोचर व निकिता बैद ने तपस्वियों का अभिनंदन किया। इससे पूर्व सुबह करीब साढ़े आठ बजे कोचरों के चौक से तपस्वियों का वरघोड़ा बैंड बाजे के साथ निकाला गया। बगियों पर सवार तपस्वियों का तेज और भी निखर आया। तपस्वियों का वरघोड़ा कोचरों के चौक से रांगड़ी चौक, आदिश्वर मंदिर दर्शन करने के बाद बड़ा बाजार होते हुए गोगागेट कोचरों की दादाबाड़ी में दर्शन किए फिर वरघोड़ा गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर पहुंचा जहां धर्मसभा का आयोजन हुआ। तपस्वी अभिनंदन समारोह का शुभारम्भ गुरु वंदन तथा रौनक कोचर, रोहित कोचर व अमित कोचर ने नवकार मंत्र गाकर किया। ज्योति कोचर व आंचल कोचर ने तपस्या अनुमोदन नृत्य की प्रस्तुति दी। साध्वी अक्षयदर्शना व साध्वी परमदर्शना ने आज आनंद छायो, बीकानेर में तपस्या की धूम मची गीतिका की प्रस्तुति दी। संघ के मंत्री विजय कोचर ने बताया कि इस बार तप करने वालों की झड़ी लग गई और विशेष रूप से छोटे बच्चों ने भी तप करके संयम का परिचय दिया। सात वर्ष से लेकर 75 वर्ष तक तपस्वियों की अनुमोदना की गई। श्रावक-श्राविकाओं ने सिद्धि तप, मासक्षमण तप (30 दिवस केवल गर्म पानी पीना), 16 की, 8 की तपस्या करने वालों का अभिनंदन किया गया। मुख्य लाभार्थी सुरेन्द्र जैन बद्धाणी ने कोचर फ्रेंड्स क्लब सहित आयोजन से जुड़े सभी का आभार व्यक्त किया। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्रीसंघ, तपस्वी परिवारों व सामाजिक बंधुओं द्वारा साधर्मिक वात्सल्य का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र कोचर व अमित कोचर ने किया

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