बीकानेर,जिले में बरसाती दौर थमने के बाद पिछले करीब एक पखवाड़े से लगातार मौसम का उतार-चढ़ाव आमजन पर भारी पड़ रहा है। इसके चलते जिले में मौसमी बीमारियां पैर पसार रही हैं। इन दिनों बड़ी संख्या में लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसके चलते यहां के पीबीएम होस्पीटल के आउटडोर-इनडोर के आंकड़ें भी बेशुमार बढ़ गए हैं। इनडोर रोगियों की संख्या में इजाफा होने से पीबीएम की चिकित्सा व्यवस्थाएं भी चरमराने लगी हैं। भर्ती रोगियों के लिए पलंगों की मारामारी मची है। ऐसे में एक पलंग पर दो-दो रोगियों का उपचार करना पड़ रहा है। वहीं रोगियों की बढ़ती संख्या से डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ कर्मियों पर भी कामकाज का दबाव बढ़ा हुआ है। बीते पखवाड़े भर से पीबीएम में आउटडोर का आंकड़ा पांच हजार तक पहुंच रहा है। वहीं भर्ती रोगियों का आंकड़ा भी बढ़ गया है। आलम यह है कि वार्डों में निर्धारित क्षमता से अधिक रोगी भर्ती करने पड़ रहे हैं। ऐसे में रोगियों को पलंगों का भी टोटा पडऩे लगा है। ऐसे में पीबीएम होस्पीटल प्रबंधन को अतिरिक्त बंदोबश्त करने पड़ रहे है। डॉक्टरों के अनुसार बदलते मौसम के चलते इन दिनों खासी, जुखाम, बुखार, उल्टी, पेट दर्द, वायरल के रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉक्टर बताते हैं कि मौसम परिवर्तन बीमारी का कारण बन रहा है। कभी तेज धूप तो कभी उमस की स्थिति बनी हुई है। वहीं हल्की बूंदाबांदी में भीगने पर कपड़े नहीं बदलने पर वायरस विकसित हो रहा है।
ऐसे करें बीमारी बचाव
पीबीएम होस्पीटल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ.सुरेन्द्र वर्मा के अनुसार बारिश में भीगने की स्थिति में तत्काल कपड़े बदले जाएं। साथ ही परेशानी होने पर वे स्वयं को घर में सप्रेट करें, ताकि अन्य सदस्य बीमारी की चपेट में ना आएं। खांसी-जुखाम, बुखार की शिकायत में वे मास्क लगाएं, सेनेटाइजर का उपयोग करें और अच्छे से हाथ धोएं। बीमारी से बचाव के लिए लोग ठण्डी खाद्य वस्तुओं और शीतल पेय पदाथों के उपयोग से बचें। पुरानी मिठाइयों से परहेज करते हुए बाहर के खाने का उपयोग भी नहीं करें।