बीकानेर.फर्जी आईबी अधिकारी बनकर पुलिस से जाब्ता मांगने, थानाधिकारी से उलझने और थाने में पुलिसकर्मियों से मारपीट के मामले को एसओजी ने झूंठा मान लिया है। करीब सवा वर्ष पहले राणोली थाना के इस मामले में एसओजी ने जांच के बाद दोनों प्रकरणों में एफआर लगाकर थाने को भेज दी है। ऐसे में अब पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। ऐसे में जांच में माना है कि तत्कालीन खंडेला थानाधिकारी घासीराम जो पहले राणोली में भी थानाधिकारी रहे के दूसरे पक्ष से सम्पर्कों के चलते शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने के लिए और दबाव बनाने के लिए शिकायतकर्ता पक्ष को ही शांति भंग के आरोप में बंद कर उनके खिलाफ चार तरह की कार्रवाई अमल में लाई गई। उन्हें धारा 151 में गिरफ्तार करने के साथ धारा 186 की रपट डाली गई और दो मामले दर्ज किए गए। इस मामले में पुलिस की ओर से पेश धारा 151 के इस्तगासे को भी न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
यह था मामला
पुलिस नियंत्रण कक्ष और राणोली थाना पुलिस को गत वर्ष 29 जून को भदाला की ढाणी स्थित कृष्णा ऑयल कंपनी में नकली बायोडीजल बेचने की शिकायत दी गई थी। राणोली थाना पुलिस ने शिकायत कर्ता हनुमान सहाय, सांवरमल व उसके भाई बीकानेर पुलिस की डीएसटी टीम के हैडकांस्टेबल महावीर सिंह पर फर्जी आईबी अधिकारी बनकर पुलिस पुलिस से जाप्ता मांगने का आरोप लगाते हुए तीनों को धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि तीनों भाइयों ने थाने में थानाधिकारी कैलाशचंद यादव व पुलिस के जवानों के साथ मारपीट की। इस पर थानाधिकारी की ओर से थाने में मारपीट व राजकार्य में बाधा डालने की रपट दर्ज की गई।
पुलिस ने माना अपराध प्रमाणित, एसओजी ने झूंठ
इस मामले में राणोली थाने में दो मामले दर्ज किए गए थे। एक मामला बधाला की ढाणी पलसाना निवासी बिजेन्द्र जाट की ओर से दर्ज करवाया गया था। 1 जुलाई को दर्ज मामले में बताया गया था कि बधाला की ढाणी में उसकी कृष्णा ऑयल कंपनी बायोफ्यूल है। उसका भाई कृष्ण कुमार पिकअप गाड़ी लेकर बहिन से मिलने खाटूश्यामजी जा रहा था। मंढा बस स्टैंड के पास मुकेश कुमार, भींवाराम व अन्य आगे गाड़ी लगाकर उसे रुकवा लिया और मारपीट करने लगे। वह वहां से किसी तरह ऑयल कंपनी तक आया तो महावीर, सांवरमल व हनुमानप्रसाद ने गाड़ी आगे लगाकर उसे रुकवा लिया। सभी ने कृष्ण कुमार से मारपीट की। आरोप था महावीर ने कहा कि उसे बीकानेर एसपी ने कंपनी की जांच के लिए भेजा है। आप लोग नकली तेल बनाकर बेचते हो, जिससे उनके पेट्रोल पंप पर तेल की बिक्री कम होती है। इसी दौरान पुलिस महावीर सिंह सहित तीनों को वहां से ले गई। वहीं पुलिस की ओर से दर्ज मामले में आरोप लगाया गया कि थाने में गिरफ्तार महावीर सिंह, हनुमान सहाय व सांवरमल ने पहले हवालात में हो-हल्ला और स्वयं को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। उन्हें समझाइश के लिए हवालात से बाहर निकाला गया तो तीनों ने पुलिस के जवानों के साथ मारपीट की। पुलिस ने किसी तरह उन्हें वापस हवालात में बंद किया। इन दोनों मामलों में स्थानीय स्तर पर जांच में पुलिस ने अपराध प्रमाणित मान लिया, लेकिन बाद में अतिरिक्त महानिदेक एटीएस व एसओजी के आदेश से मामले की जांच एसओजी के एएसपी को सौंपी गई। एसओजी ने जांच में दोनों मामलों को झूंठा मानते हुए एफआर तैयार कर थाने में भेज दी है।
एसओजी का सवाल…एक दिन देरी से क्यों दर्ज किया मामला
एसओजी ने जांच में माना कि रानोली थानाधिकारी ने हेडकांस्टेबल महावीर व उसके भाइयों पर मारपीट व राजकार्य में बाधा का मामला 29 जून का बताया, लेकिन मामला 30 को दर्ज किया। जबकि मामला देरी से दर्ज करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं है। रानोली थाने के पास राजकार्य में बाधा का कोई तथ्य नहीं था। एसओजी का मानना है कि अगर राजकार्य में बाधा व पुलिस कर्मचारियों के साथ मारपीट जैसी घटना होती तो उक्त घटना रोजनामचा में जरूर दर्ज की जाती, लेकिन ऐसी किसी तरह की घटना रोजनामचे में दर्ज नहीं की गई। इसके बाद थानाधिकारी ने विजेन्द्र उर्फ बिज्जू की ओर से हेडकांस्टेबल व उसके भाइयों के खिलाफ एक अन्य प्रकरण एक जुलाई, 21 को दर्ज किया। इसके अलावा विजेन्द्र उर्फ बिज्जू राणोली थाने के पूर्व थानाधिकारी घासीराम का परिचत है। वह पुलिस वालों से मेलजोल रखता है। घटना के दिन उपनिरीक्षक घासीराम थानाधिकारी मौके पर उपिस्थत था। इससे स्पष्ट होता है कि महावीर व उसके भाइयों पर दबाव बनाने व अपने बचाव में पुलिस की ओर से मामले दर्ज किए गए
यह भी बिन्दू जांच के विषय- रसद विभाग की टीम ने कृष्णा ऑयल कंपनीबधाला की ढाणी में 29 जून, 21 को रानोली एसएचओ व रसद विभाग की टीम पहुंची थी, लेकिन डीजल के कोई सैम्पल नहीं लिए गए।
– रसद विभाग ने अपनी रिपोर्ट में 12 हजार लीटर बायोडीजल का स्टॉक होना बताया, जबकि राजस्थान जेव ईंधन नियम 2019 बायोफ्यूल प्राधिकरण ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग चल विक्रेता मोबाइल में पंजीकृत वाहन में 2000 लीटर बायोडीजल की अनुमति है, लेकिन स्टॉक नहीं रख रखता।
– कृष्णा ऑयल कंपनी भदाला की ढाणी का निरीक्षण करने पर डीलर विजेन्द्र कुमार को स्टॉक रजिस्टर न मिलने पर स्टॉक रजिस्टर रखने के लिए पाबंद किया गया
– एसओजी ने बायोडीजल स्टॉक संबंधी रसद विभाग से रिपोर्ट मांगी तो उन्हें भी गुमराह करते हुए बताया कि स्टॉक रखने की काई सीमा नहीं है।
– कृष्णा ऑयल कंपनी भदाणी की ढाणी का ट्रक जैसलमेर के थाने में 28 अक्टूबर, 2020 को जब्त था, जबकि उसी दिन उसका ई-वे बिल काटा जा रहा है।
इनका कहना है….
एसओजी से दोनों मामलों में एफआर प्राप्त हो गई है, जिसे न्यायालय में पेश कर दिया गया है। न्यायालय का निर्णय सर्वमान्य है। एसओजी ने किस तथ्य के आधार पर एफआर लगाई, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।
कैलाशचंद यादव, थानाधिकारी राणोली