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बीकानेर,श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्री संघ के तत्वावधान में सोमवार को भगवान महावीर स्वामी के जन्म वांचन एवं पाठशाला गमन प्रसंग की प्रस्तुति दी गई। रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में साध्वी सौम्यप्रभा की निश्रा में भगवान महावीर स्वामी जब पाठशाला में पहुंचे तो उन्होंने पंडित जो नवकार मंत्र पढ़ा रहा था उसमें त्रूटि बताई और सही उच्चारण करके बताया। तभी अचानक भगवान इंद्र भी उपस्थित होकर पंडित को चेताया और कहा कि यह भगवान हैं, इन्हें हम क्या पाठ पढ़ाएंगे ये तो स्वयं ज्ञाता हैं। पाठशाला गमन प्रसंग में भगवान महावीर स्वामी की भूमिका हितार्थ कोचर, पंडित की भूमिका हिमांशु कोचर, इंद्र की भूमिका ऋषभ कोचर ने निभाई। इस दौरान पुस्तिका का विमोचन रिखबचंद सिरोहिया, विजय कुमार कोचर, शांतिलाल सेठिया, लीलम सिपानी, सुरेन्द्र जैन बद्धाणी, किशोर कोचर, शांतिलाल कोचर द्वारा किया गया।
इससे पूर्व साध्वी अक्षयदर्शना ने कल्पसूत्र के छठे व्याख्यान का वाचन किया। चातुर्मासिक आयोजन की मुख्य लाभार्थी पुष्पा देवी व कुसुम बद्धाणी का पन्नी बाई उपासरा की महिलाओं द्वारा अभिनंदन किया गया।
आज की संघ पूजा विजय कुमार प्रिंस गोलछा तथा श्रीफल प्रभावना शिवरतन संजय नाहटा द्वारा दी गई। संघ के जितेन्द्र कोचर ने बताया कि मंगलवार सुबह कोचरों के चौक पंच मंदिर से तपस्वी स्कूटी से विभिन्न मोहल्लों से होते हुए पौषधशाला में पहुंची साध्वीश्री से तप का संकल्प लेंगे।

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